महाकुंभपर्व में मची भगदड : स्थिति को नियंत्रण में लाने के उपरांत अमृत स्नान हुआ संपन्न !

  • ३० श्रद्धालुओं की मृत्यु

  • प्रधानमंत्री मोदी ने की समीक्षा

  • प्रशासन ने पाया स्थिति पर नियंत्रण

प्रयागराज, २९ जनवरी (संवाददाता) : मौनी अमावास्या के उपलक्ष्य में यहां के त्रिवेणी संगम पर २८ जनवरी की मध्यरात्रि के लगभग डेढ बजे प्रचंड भीड उमडने से मची भगदड में ३०  श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई, जबकि ६० से अधिक श्रद्धालु घायल हुए । घायलों को प्रयागराज के स्वरूपाणी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है । इस घटना के उपरांत इस घटनास्थल के परिसर को छोडकर अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं का स्नान जारी था । भगदड के कुछ ही घंटों में प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया ।

भगदड के उपरांत प्रशासन के अनुरोध पर पहले सभी १३ अखाडों ने अमृतस्नान निरस्त करने की घोषणा की; परंतु कुछ घंटे उपरांत स्थिति नियंत्रण में आने के पश्चात पुनः स्नान जारी रखने की घोषणा की ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का श्रद्धालुओं से आवाहन

इस दुर्घटना के उपरांत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘श्रद्धालु संगम नोज पर जाने का आग्रह न रखकर निकट के घाट पर स्नान करें, साथ ही श्रद्धालु पुलिस एवं प्रशासन का पूरा सहयोग करें’, ऐसा आवाहन किया । संगम नोज पर ही वास्तविक त्रिवेणी संगम है, यह श्रद्धालुओं की मान्यता होने से सभी श्रद्धालु स्नान के लिए वही जाने का प्रयास करते हैं । इसी स्थान पर अखाडे भी स्नान के लिए आते हैं; इसलिए यहां प्रचंड भीड उमडती है ।

भगदड का घटनाक्रम ! 

१. संगमक्षेत्र में रात से ही श्रद्धालुओं की जो भीड उमड पडी, वही इस भगदड का कारण बना । मौनी अमावस्या के अमृत स्नान का मुहूर्त प्रातः ५.३३ से सवेरे ६.१५ तक का था । उसे साधने के लिए श्रद्धालु रात को त्रिवेणी संगम पर स्थित ‘संगम नोज’पर (स्नान का प्रमुख स्थान) ही सो गए ।

२. श्रद्धालुओं तथा अखाडों के स्नान के लिए जाने के मार्ग भिन्न-भिन्न थे । श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए मार्ग पर मध्यरात्रि १.३० बजे प्रचंड भीड उमडी । श्रद्धालु स्नान के लिए जाने के लिए जल्दबाजी कर रहे थे, जबकि पुलिसकर्मी उन्हें निर्धारित मार्ग से जाने के निर्देश दे रहे थे ।

३. ऐसी स्थिति में प्रचंड भीड के कारण भगदड़ हुई, जिससे वहां बनाई गई बैरिकेटिंग (तात्कालिन बाधा) टूट गई तथा बैरिकेट के पास सोए हुए श्रद्धालुओं को रौंदते हुए भीड आगे चली गई । जिसके
कारण बहुत शोर होने लगा और भगदड मच गई ।

एन्.एस्.जी. कमांडों ने की सहायता

इस दुर्घटना के उपरांत एन्.एस्.जी. कमांडों ने संगम तट पर स्थिति हाथ में ली । संगम परिसर के कुछ भागों में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद किया गया । भीड और न बढे; इसके लिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । इसके लिए शहर से सटे जिलों में प्रशासन को सतर्कता की चेतावनी दी गई है ।

स्थिति को नियंत्रण में लाने हेतु प्रधानमंत्री ने ध्यान दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दूरभाष कर घटना की विस्तृत जानकारी ली तथा आवश्यक उपायों के विषय में बातचीत की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ४ बार दूरभाष कर घटना की जानकारी ली । सरकारी अधिकारी हेलिकॉप्टर से महाकुंभ क्षेत्र पर ध्यान रखे हुए हैं । इस घटना के उपरांत ७० से अधिक एंब्युलेंस संगम तट पर पहुंचीं । संगम तट पर श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश बंद किया गया । भीड और न बढे; इसके लिए प्रयागराज जिले के विभिन्न गांवों से आ रहे श्रद्धालुओं को रोका गया है तथा वहां प्रशासन को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है ।

रेल मंत्रालय की ओर से ३६० रेलगाडियां चलाने की योजना !

रेल मंत्रालय ने कहा है कि विभिन्न रेल स्थानकों से प्रयागराज आने के लिए ३६० रेलगाडियां चलाने की योजना बनाई गई है । वर्तमान में तो कोई भी रेलगाडी निरस्त नहीं की गई है तथा वैसी कोई योजना भी नहीं है ।

प्रयागराज में आएंगे ९ करोड श्रद्धालु !

प्रशासन ने महाकुंभ के उपलक्ष्य में प्रयागराज शहर में कुल ९ करोड श्रद्धालुओं के आने का अनुमान व्यक्त किया है । संगमसहित ४४ घाटों पर रात तक ८ से १० करोड श्रद्धालुओं ने स्नान किया । २८ जनवरी को ५ करोड से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया है । श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ६ सहस्र से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं ।

भगदड में घायल १४ श्रद्धालुओं को केंद्रीय चिकित्सालय में भर्ती किया गया ! – डॉ. मनोज कौशिक, मुख्य चिकित्सकीय अधीक्षक

भगदड में घायल श्रद्धालुओं में से १४ श्रद्धालुओं को यहां के केंद्रीय चिकित्सालय में भर्ती किया गया । उनमें से आधे श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार कर छोडा गया । इनमें से ३ लोगों की हड्डी टूट गई थी । उन्हें सरकार द्वारा संचालित ‘स्वरूपराणी चिकित्सकीय महाविद्यालय’ भेजा गया । अभी भी कुछ लोग केंद्रीय चिकित्सालय में उपचार ले रहे हैं, ऐसी जानकारी केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सकीय अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक ने ‘सनातन प्रभात’से बात करते हुए दी ।

अन्य गतिविधियां …

१. पुलिसकर्मियों ने कतार बनाकर श्रद्धालुओं की भीड अल्प कर श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला । पुलिसकर्मी ध्वनियंत्र पर उद्घोषणा कर श्रद्धालुओं को सडकों की जानकारी दे रहे थे ।

२. जुना अखाडे के महंत चेतन गिरी ने बताया कि पुलिस तथा प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु तत्परता से कार्यरत हैं ।

सनातन धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है ! – श्री रवींद्र पुरी महाराज, अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष

श्रद्धालु अफवाहों पर विश्वासन करें । सनातन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है । इस घटना से हम बहुत दुखी हैं । हमारे साथ सहस्रों श्रद्धालु हैं । श्रद्धालुओं के हित का विचार कर अखाडों के संतों ने स्नान न करने का निर्णय लिया है । हम आज के स्थान पर बसंत पंचमी के दिन त्रिवेणी संगम तट पर स्नान करेंगे । संगम घाट पर पहुंचने के प्रयास से यह घटना हुई है । इसके स्थान पर जहां पवित्र गंगा नदी का स्थान है, वहां श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं ।