जांच तंत्रों ने जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास किया है ! – लेखक डॉ. अमित थडानी

नास्तिकवादियों की हत्या एवं जैसे-तैसे पूरे किए अन्वेषण को उजागर करनेवाली ‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक का विमोचन !

पुस्तक का विमोचन करते हुए बाएं से इतिहास विशेषज्ञ श्री. रतन शारदा, लेखक डॉ. अमित थडानी एवं अभिनेत्री केतकी चितळे

मुंबई (महाराष्ट्र) – ‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक लिखने के लिए ८०० से अधिक संदर्भ जांचे एवं १० सहस्रों से अधिक पन्नों का आरोपपत्र पढा । नास्तिकवादियों में से एक की हत्या में प्रत्येक २ – ३ वर्षाें के उपरांत कुछ लोगों को बंदी बनाया गया एवं वे ही खूनी के रूप में घोषित किए गए । इनमें ५ बार भिन्न-भिन्न लोगों के नाम लिए गए । खूनी अलग बताए गए, हथियार में परिवर्तन किया गया, शस्त्रों की जगह भी परिवर्तित की गई । ‘फोरेंसिक लैब’ के विवरण (रिपोर्ट) भिन्न थे । ठाणे खाडी में शस्त्र का शोध लेने के लिए करोडों रुपए व्यय हुए । यह चुटकुला नहीं है; अपितु यह सब आरोपपत्र में है । ‘मीडिया ट्रायल’ का बडा दुष्परिणाम इस अन्वेषण पर हुआ है । निर्दाेष लोगों की अनेक वर्ष प्रताडना कर उन्हें कारागृह में कैद कर रखा गया है । गौरी लंकेश अभियोग में भी संदिग्धों के भिन्न-भिन्न हास्यास्पद छायाचित्र अधिक संख्या में खींचे गए । पानसरे अभियोग में भी साक्षीदारों एवं प्रत्यक्षदर्शियों ने अलग-अलग बातें कहीं । झूठी कथाएं रची गई; जांच की इस प्रकार की अनेक सत्य बातें इस पुस्तक में हैं । इससे ऐसा ही लगता है कि ‘जांच तंत्रों ने जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास किया है ।’ मैंने इस पुस्तक के माध्यम द्वारा जांच का सत्य विशद किया है । मैं सत्य के पक्ष में हूं । ऐसा प्रतिपादन विख्यात डॉ. अमित थडानी ने किया । शीव के षण्मुखानंद सभागृह में २९ अप्रैल को डॉ. अमित थडानी द्वारा लिखित ‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह में वे ऐसा बोल रहे थे ।

‘द रेशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक का मुखपृष्ठ

इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इतिहास विशेषज्ञ एवं लेखक श्री. रतन शारदा एवं विशेष अतिथि के रूप में अभिनेत्री केतकी चितळे उपस्थित थीं । आधुनिकतावादियों की हत्याओं के अभियोगों में हिन्दुत्वनिष्ठों का पक्ष रखनेवाले हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर भी इस समय उपस्थित थे ।

इस समय डॉ. अमित थडानी ने संगणकीय प्रणाली द्वारा प्रस्तुतीकरण (पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन) कर पुस्तक के तथ्यों के विषय में भूमिका व्यक्त की । अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने इस अभियोग के कानून के संदर्भ में तथ्यों पर भाष्य किया । मान्यवरों द्वारा भूमिका प्रस्तुत करने के उपरांत डॉ. अमित थडानी की पत्नी श्रीमती अंजना थडानी ने आभार प्रदर्शन किया ।

इस पुस्तक लोकार्पण समारोह में अधिवक्ता, डॉक्टर, पत्रकार, लेखक, उद्योगपति आदि भिन्न क्षेत्रों के मान्यवर उपस्थित थे । इस समय अनेक लोगों ने यह पुस्तक खरीदी ।
(३०.४.२०२३)

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