आप सिपाही होने के लायक नहीं ! – उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने उपसंचालकों को फटकार लगाई

उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करने का प्रकरण !

न्यायमूर्ति रोहित आर्य (दाएं)

ग्वालियर (मध्य प्रदेश) – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने खनन विभाग के उप संचालकों को फटकार लगाई । अवैध बालू उत्खनन के मुकदमे की सुनवाई करते समय न्यायमूर्ति ने उपसंचालकों को कहा, ‘आप सिपाही होने के भी पात्र नहीं हैं । आपको अधिकारी किसने बनाया ?’ । भिंड जिले के बालू उत्खनन प्रकरण में उच्च न्यायालय ने अनेक वर्षों पूर्व भी आदेश दिए हैं । जिलाधिकारी ने पिछले वर्ष बालू के परिवहन के विषय में ऐसा आदेश निकाला था । ऐसा होते हुए भी खदान विभाग ने बालू के परिवहन विषय में कोई भी आदेश नहीं निकाला । इस प्रकरण में न्यायमूर्ति ने उपसंचालकों को फटकार लगाई ।

अनेक आदेश देने पर भी खनन विभाग ने परिवहन पास क्यों नहीं दिए , ऐसा प्रश्न न्यायमूर्ति ने उपसंचालकों को पूछा । इस पर वे कोई भी उत्तर नहीं दे सके । यह देख कर न्यायमूर्ति संतप्त हो गए । सरकारी विभाग का बालू माफियाओं से सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ”आप जैसे अधिकारी घूस लिए बिना कोई भी काम नहीं करते । इन कारणों से इस प्रकरण में पास जारी नहीं किए गए ।” न्यायमूर्ति इतना कहकर ही नहीं रुके । ‘आप पास नहीं दे सकते तो न्यायालय में अपने उत्तर प्रविष्ट करें’, ऐसा  भी न्यायमूर्ति ने उन संचालकों को बताया । अधिकारियों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि, अपनी आदत सुधारें, अन्यथा आप को निलंबित किए जाने के साथ साथ नौकरी भी गंवानी पड़ सकती है ।

संपादकीय भूमिका 

न्यायालय के आदेश की ओर अनदेखी करने वाले कानूनद्रोही अधिकारियों को केवल फटकार लगाकर न रुकते हुए उन्हें दंड देना सामान्य जनता को अपेक्षित है !