नई देहली – वर्ष २०१९ में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सामने हुई हिंसा के प्रकरण में देहली उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के निर्णय को अनुचित ठहराते हुए ११ में से ९ अपराधियों का आरोप निश्चित किया है । वीडियो में, यह स्पष्ट कि भीड की प्रथम पंक्ति में लोग देहली पुलिस के विरुद्ध घोषणाएं कर रहे हैं, तथा ‘बैरिकेड्स’ को धक्का देने का प्रयास कर रहे हैं, उच्च न्यायालय ने यह देखा ।
जामिया हिंसा केस: शरजील और सफूरा समेत 9 आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, रद्द किया बरी होने का आदेश #delhi #jamiamilliaislamiauniversity #delhihighcourt https://t.co/YigXJlgPyp
— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) March 28, 2023
इस कारण शरजील इमाम, सफूरा जरगर एवं आसिफ इकबाल के साथ ही ९ लोगों को आरोपी किया गया है । न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने निर्णय देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण सभा के अधिकार में हिंसा करना अथवा हिंसा भडकाने वाला भाषण अंतर्भूत नहीं है !
प्रकरण क्या है ?
वर्ष २०१९ में नागरिकता संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण कानूनों के विरुद्ध जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर कुछ धर्मांध मुसलमानों ने हिंसा की थी एवं विश्वविद्यालय के अंदर घुसने का प्रयास किया था, जिसमें १२ लोगों को बंदी बनाया गया था ।