पंढरपुर में श्री विट्ठल – रुक्मिणी मंदिर परिसर में चैत्र यात्रा के समय नारियल बेचने और फोडने पर प्रतिबंध !

पंढरपुर – नारियल का छीलन मंदिर परिसर में डालने से तथा नारियल फोड़ने पर कीचड़ होने की संभावना से भक्तों के फिसल कर गिरने से कोई दुर्घटना न हो, ऐसा कारण बताते हुए प्रशासन की ओर से फौजदारी संहिता की धारा १४४ के अंतर्गत १ से ३ अप्रैल इस दौरान मंदिर और परिसर में नारियल फोड़ने तथा बिक्री करने पर प्रतिबंध लगाया गया है । यह आदेश उपविभागीय अधिकारी गजानन गुरव ने जारी किया है ।

(सौजन्य: Pandharpur Live News)

साथही पंढरपुर में यात्रा के समय मांस – मटन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर पशुओं के वध पर भी प्रतिबंध लगाया गया है । इसका भी आदेश उपविभागीय अधिकारी गजानन गुरव ने जारी किया है । (देवस्थान, तीर्थ क्षेत्र परिसर में केवल यात्रा की अवधि में ही मांस – मटन की बिक्री तथा पशुओं के वध पर प्रतिबंध क्यों ? वास्तविक रूप से यह प्रतिबंध संपूर्ण वर्ष होना चाहिए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम !
  • आज तक किसी भी धार्मिक यात्रा के समय नारियल फोड़ने से कीचड़ होना और किसी यात्री का घायल होना, ऐसी कोई बात सामने नहीं आई ।
  • ऐसा निर्णय अन्य धर्मों के उत्सव के समय लेने का साहस प्रशासन दिखाएगा क्या ?