मानहानि प्रकरण में राहुल गांधी को २ वर्ष का दंड !

न्यायालय की ओर से तुरंत जमानत भी मिली !

सूरत – ‘मोदी’ उपनाम के आधार पर की गई मानहानि के प्रकरण में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को सूरत जिला न्यायालय ने २ वर्ष के कारावास का दंड सुनाया । वर्ष २०१९ में कर्नाटक की एक सार्वजनिक सभा में राहुल गांधी ने ‘सभी चोरों के नाम ‘मोदी’ ही क्यों होते हैं ?’, यह प्रश्न उठाया था । उस पर सूरत के मोदी समुदाय ने इस पर तीव्र आपत्ति दर्शाते हुए राहुल गांधी के विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट किया था । १७ मार्च २०२३ को इस प्रकरण की अंतिम सुनवाई होकर न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था । न्यायालय ने २३ मार्च को राहुल गांधी को दोषी प्रमाणित कर दंड सुनाया । उसके उपरांत तुरंत ही उन्हें जमानत भी मिली । इसके साथ ही राहुल गांधी को वरिष्ठ न्यायालय में ३० दिन में इस दंड को चुनौती देने की छूट दी गई है ।

राहुल गांधी उनकी गिरफ्तारी को उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं । वहां यदि सूरत सत्र न्यायालय के निर्णय पर रोक लगाई गई, तो राहुल गांधी की सांसदी बच सकती है; परंतु रोक नहीं लगाई गई, तो उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पडेगा । ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय ने उनके दंड दिए जाने पर रोक लगाई, तो उनकी सांसदी बच सकती है, अन्यथा वह रद्द होगी । राहुल गांधी को २ वर्ष दंड भुगतना पडेगा, साथ ही वे अगले ८ वर्षतक चुनाव भी नहीं लड सकेंगे ।

सत्य ही मेरे भगवान हैं ! – राहुल गांधी

न्यायालय द्वारा दंड सुनाए जाने पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर अपने विचार रखे हैं । उसमें गांधी ने मोहनदास गांधी का निम्न वाक्य लिखा है । ‘सत्य ही मेरे भगवान हैं तथा वे अहिंसा पर आधारित हैं । सत्य ही मेरे भगवान हैं तथा अहिंसा उन्हें प्राप्त करने का साधन है ।- मोहनदास गांधी’