साधकों को सूचना एवं पाठकों, हितचिंतकों तथा धर्मप्रेमियों से अनुरोध !
हम अपने चारपहिया वाहन से जब राष्ट्रीय महामार्ग तथा राज्य महामार्ग से यात्रा करते हैं, तब हमें वहां के टोल बूथ कर टोल देना पडता है । आज के समय में इस टोल के भुगतान के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों ने ऑनलाइन ‘फास्टैग’ की सुविधा आरंभ की है । इस सुविधा के कारण टोल के पैसे नकद नहीं देने पडते । इसके कारण वाहन का इंधन तथा यात्रियों के समय की बचत होती है । ‘फास्टैग’ के खाते से ऑनलाइन पद्धति से टोल की राशि कट जाने के उपरांत वाहनचालक के चल-दूरभाष पर उससे संबंधित एक लघुसंदेश (एस.एम.एस.) मिलता है ।
अनेक बार ऐसा देखा गया है कि हमारा वाहन किसी भी टोल बूथ से नहीं जाता अथवा हम उस मार्ग से यात्रा भी नहीं करते; परंतु तब भी हमारे चल-दूरभाष पर हमारे खाते से ‘फास्टैग’ के माध्यम से पैसे कट जाने का लघुसंदेश (एस.एम.एस.) आता है । वाहनधारकों के संदर्भ में यदि ऐसी घटना होती है, तो वे इसकी कभी अनदेखी न करें । ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं, ऐसा ध्यान में आया है । इस प्रकार से जो वाहन हमसे संबंधित नहीं है, उस वाहन का ‘फास्टैग’ हमारे नाम पर दिखाकर उसके टोल बूथ से जाने का दिखाया जा सकता है । इस माध्यम से आपराधिक तत्त्व कोई आपराधिक कृत्य कर सकते हैं तथा उसके कारण हम भी बिना किसी कारण पुलिस के झमेले में फंस सकते हैं । इसे ध्यान में लेकर इस प्रकार कोई हमारे नाम पर ‘फास्टैग’ दिखाता है, उस समय हमें तत्काल निकट के पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करना आवश्यक है ।
– अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर (२३.१२.२०२२)