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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर.) ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुसलमान छात्रों का सर्वेक्षण कर उन्हें अन्य विद्यालयों में शिक्षा देने की मांग की है । इस मांग को उत्तर प्रदेश राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड नेनिरस्त कर दिया है । इसके उपरांत आयोग ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव को नोटिस भेज मदरसों पर कार्रवाई की मांग की है । आयोग के अध्यक्ष श्री. प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि ८ दिसंबर २०२२ को भेजे गए पत्र पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
UP Madarsa Board refuses to identify non-Muslim students from Madarsas as directed by NCPCR, says ‘it may foster divide between communities’https://t.co/68ppQ4IpIg
— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 19, 2023
१. उत्तर प्रदेश राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि हमने आयोग के पत्र पर निर्णय किया है कि हम मदरसों में पढ़ रहे गैर-मुसलमान छात्रों को हटाकर अन्य विद्यालयों में प्रवेश की व्यवस्था नहीं करेंगे । बोर्ड द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी ।
२. जावेद के वक्तव्य पर आयोग ने कहा है कि हम उनके वक्तव्य से सहमत नहीं हैं । मदरसों में गैर-मुसमलमान को पढ़ाना संवैधानिक अधिकारों का हनन है और इतना ही नहीं, यह सरकारी आदेशों का भी उल्लंघन है ।
गैर-मुसलमान छात्रों को इस्लामी शिक्षा प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद २८(३) का उल्लंघन है !राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री. प्रियांक कानूनगो ने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड का यह वक्तव्य, कि वे मदरसों में गैर-मुसलमान छात्रों को प्रवेश देना जारी रखेगा, आपत्तिजनक, असंवैधानिक व निंदनीय है । हमने अल्पसंख्यक विभाग के विशेष सचिव को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि गैर-मुसलमान छात्रों को इस्लामी शिक्षा प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद २८(३) का उल्लंघन है । इस संबंध में उनसे ३ दिन के अंदर उत्तर मांगा गया है । |
संपादकीय भूमिका
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