(कहते हैं) ‘यदि निजी मदरसों को हाथ लगाया, तो देश में रोष की चरम सीमा होगी !’

मौलाना साजिद रशीदी द्वारा उत्तराखंड की भाजपा सरकार को धमकी !

(मौलाना अर्थात इस्लाम का विद्वान)

देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड की भाजपा सरकार का राज्य के वक्फ बोर्ड के अंतर्गत सभी मदरसों में गणवेश (स्कूल ड्रेस) लागू करने तथा पाठ्यक्रम में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें सिमिल्लित करने का निर्णय लेने से मुसलमानों द्वारा उसका विरोध किया जा रहा है । मौलाना साजिद रशीदी ने धमकी भरे शब्दों में कहा कि यदि सरकार निजी मदरसों को हाथ लगाने का प्रयास करेगी, तो देश में शोले भडक उठेंगे ।

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा है कि प्रत्येक राज्य का एक मदरसा बोर्ड है । जो सरकार के नियंत्रण में कार्य करता है । सरकार उनको गणवेश लागू करने का आदेश दे सकती है । यहां सरकार कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है, उसे कोई रोक नहीं सकता; परंतु निजी मदरसों में सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती; कारण भारतीय मुसलमान ४ प्रतिशत मुसलमानों को निजी मदरसों में मौलवी एवं मौलाना बनाने के लिए भेजते हैं । यदि सरकार इन मरदसों में भी हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगी, तो सभी भारतीय मुसलमान इस सरकार के विरुद्ध खडे होंगे एवं ऐसा नहीं होने देंगे । हम सरकार से कुछ लेते नहीं हैं । जो मूरख लोग हैं, उन्होंने पैसे के लिए अपने मदरसे सरकार को दिए हैं तथा वे उसकी हानि भुगत रहे हैं । इसीलिए हमारे वरिष्ठ मौलवी (इस्लाम का धार्मिक नेता) एवं उलेमा (इस्लाम धर्म के ज्ञानी) कहते हैं कि मदरसों के लिए सरकार से पैसे न लें ।

संपादकीय भूमिका

  • सरकार को इस प्रकार की धमकी देने का दुःसाहस होता ही कैसे है ? मौलाना के विरुद्ध तुरंत अपराध प्रविष्ट कर उसे कारागृह में डाल देना चाहिए एवं इन लोगों को कठोर दंड देने का प्रावधान होना चाहिए !
  • इससे स्पष्ट दिखता है कि देश में हिंसा कौन करता है ! ऐसी विचारधारा के मौलाना मदरसों में बच्चों को इसी प्रकार की शिक्षा देते हैं, जिसके फलस्वरूप वहां से केवल जिहादी आतंकवादी तैयार किए जाते हैं’, यदि कोई ऐसा कहे, तो इसमें चूक कैसी ?