तमिलनाडु में धर्मपरिवर्तित कृष्णन ने ३ दिन तक महिला का पार्थिव शरीर घर में रखा !

परिवार की धारणा थी कि प्रार्थना करने से महिला जीवित होगी !

मदुरै (तमिलनाडु) – एक ऎसा प्रकरण उजागर हुआ है, जिसमें एक धर्मपरिवर्तित ईसाई परिवार ने एक मृत महिला के शव को ३ दिन तक इस अपेक्षा से अंतिम संस्कार न कर, अपने घर में रखा कि, वह प्रार्थना के माध्यम से जीवित हो जाएगी । उनके पड़ोसी द्वारा पुलिस में शिकायत प्रविष्ट कराने के उपरांत  उसे उसके पैतृक गांव ले जाया गया और उसका अंतिम संस्कार किया गया ।

१. मदुरै में एक होटल में व्यवस्थापक के पद पर कार्यरत बालकृष्ण अपनी पत्नी और २ बच्चों के साथ कुछ वर्ष पूर्व ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए। ज्येष्ठ पुत्र आधुनिक चिकित्सक (डॉक्टर) है और कनिष्ट पुत्र आयुर्विज्ञान की शिक्षा ले रहा है ।

२. बालकृष्ण की पत्नी मालती का हृदयाघात होने के कारण  उपचार चल रहा था एवं उपचार के समय ही उसकी मृत्यु हो गई । उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा गया । ३ दिन उपरांत भी जब उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी ।

३. पुलिस ने दाह संस्कार न करने के संबंध में पूछा तो बालकृष्ण ने कहा, ‘हम पादरी की राह देख रहे हैं ।’ बालकृष्णन और उनके २ पुत्रों को अपेक्षा थी कि ‘प्रार्थना के माध्यम से मालती को पुनर्जीवित किया जा सकता है ‘।

४. वर्ष २०२१ में ऎसी ही एक अन्य घटना में एक धर्मांतरित परिवार की एक महिला को एक पादरी के यह कहने पर चिकित्सालाय में प्रविष्ट नहीं होने दिया गया कि ‘यदि उसे चिकित्सालय में भर्ती कराया तो उसे ईशू नहीं बचाएंगे´। (ऐसे पादरियों के संबंध में अपने आप को पुरोगामी समझनेवाले अपना मुँह क्यों नहीं खोलते ? – संपादक)

५. इतना ही नहीं महिला की मृत्यु के उपरांत उसके १३ व ९ वर्ष के बच्चों को २० दिनों तक शव के साथ रखा। उस समय भी पुलिस ने हस्तक्षेप कर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की थी।

संपादकीय भूमिका

  • यदि हिन्दुओं ने ऐसा कृत्य किया होता, तो अभी तक बुद्धिप्रामाण्यवादी, पूरो (अधो) गामी और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति वाले हिन्दुओं की आलोचना करते रहते किन्तु ध्यान रहे कि यह गिरोह अब एक शब्द भी नहीं उच्चारेगा क्योंकि उपरोक्त कृत्य ईसाइयों ने किया है !
  • हिन्दुओं को प्रार्थना के माध्यम से आरोग्य लाभ, साथ ही अनेक प्रलोभन देकर धर्मपरिवर्तित किया जाता है। हिन्दू भी इन प्रलोभनों के बली पडते हैं । उन्हें इस घटना से सीख लेने दीजिए !