आश्वासन देने के उपरांत भी सरकार द्वारा खनन बंद न किए जाने से भरतपुर (राजस्थान) में साधु-संतों ने पुन: विरोध आंदोलन किया !

  • हिन्दूओं से द्वेष करने वाली कांग्रेस सरकार पर्वत श्रृंखलाऒ में स्थित हिन्दूओं के श्रद्धा स्थानों का कर रही खनन !

  • जुलाई के महीने में एक साधु ने किया था आत्मदाह !

  • कांग्रेस के एक मंत्री ने दी साधुओं को सबक सिखाने की धमकी !

बाईं ओर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह

भरतपुर (राजस्थान) – यहां के पासोपा गांव में सहस्त्रों साधु अवैध खनन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे । इसके विरुद्ध साधु बाबा विजय दास ने जुलाई के महीने में आत्मदाह भी कर लिया था । राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने उस समय क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का आश्वासन दिया था तथापि इसका पालन नहीं किया गया और यहां पहले की तरह अवैध खनन चल रहा है । इस कारण एक बार पुन: ३ सहस्त्र साधु-संतों ने आंदोलन प्रारंभ कर दिया है । इस पर कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साधुओं को धमकाया और कहा कि सरकार साधुओं को सबक सिखाएगी ।

१. रक्षा समिति के महासचिव ब्रज दास ने कहा कि हम सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक दिसंबर से साधुओं, संतों, ग्रामीणों और कृष्ण भक्तों की ओर से पुन: आंदोलन प्रारंभ कर रहे हैं । इससे पहले उन्होंने यहां डेढ़ घंटे तक धरना प्रदर्शन किया । इसके उपरांत उन्होंने जिलाधीश को ज्ञापन दिया । उन्होंने पूरी ब्रज भूमि के खनन पर रोक लगाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि यहां चल रहे अवैध खनन को नहीं रोका गया तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा ।

२. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा ‘हमने खनन बंद कर दिया है, किन्तु यहां ´क्रशर´ (पत्थर फोड यंत्र) चलता रहेगा । इसे सरकार ने अनुज्ञप्ति प्रदान की है ।

साधु और संतों के आंदोलन का मूल कारण !

ब्रज में पर्वतों की पूजा की जाती है और उनकी परिक्रमा की जाती है । इसलिए इन पर्वतों को खनन से संरक्षित करने के लिए अनेक वर्षों से आंदोलन चल रहा है । लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण ने इसी पर्वत पर अवतार लिया था । ये पर्वत बद्रीनाथ और केदारनाथ जितने ही महत्वपूर्ण हिंदू आस्था स्थान हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • जिन पर्वत श्रृंखलाऒ पर हिन्दूओं की आस्था है, उन पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने के लिए सहस्त्रों साधु-संत विरोध कर रहे हैं । यदि हिन्दू द्रोही कांग्रेस सरकार इसे अनदेखा करने का प्रयत्न कर रही है, तो हिन्दूओं को इससे बोध लेना चाहिए एवं  ऐसी सरकार को वैध पद्धति से सबक सिखाना चाहिए !
  • यह ज्ञात होने पर भी कि ‘कांग्रेस का शासन इस्लामी शासन है’,  यदि निष्क्रिय रहे तो यह आत्मघात होगा !
  • साधुओं को सबक सिखाने की धमकी देने वाले धर्मांध नहीं हैं, बल्कि हिन्दू मंत्री हैं, यह हिन्दूओं के लिए अत्यंत लज्जास्पद है !