रूस-यूक्रेन युद्ध पर रूस के सुरक्षामंत्री से की चर्चा !
नई देहली – कुछ समय पूर्व ही सुरक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के सुरक्षामंत्री सर्गेई शोइगू से दूरभाष पर चर्चा की । रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में भूमिका स्पष्ट करते हुए सिंह ने कहा कि किसी भी पक्ष को परमाणु पर्याय का विचार नहीं करना चाहिए । उन्होंने भारत की स्थिति को भी दोहराया कि संघर्ष को शीघातिशीघ्र हल करने हेतु बातचीत तथा कूटनीति के माध्यम से आगे बढना आवश्यक है । सिंह ने यह भी कहा कि परमाणु अथवा जैविक शस्त्रास्त्र के प्रयोग की संभावना मानवता के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है । मूलत: रूस के सुरक्षामंत्री द्वारा ही इस चर्चा का आयोजन किया गया था ।
Defence Minister #RajnathSingh on October 26 told his Russian counterpart #SergeiShoigu that the #Ukraine conflict should be resolved through dialogue and diplomacy and the nuclear option should not be resorted to by any side.https://t.co/PHwTh8WeG1
— The Hindu (@the_hindu) October 26, 2022
१. चर्चा के समय दोनों सुरक्षामंत्रियों ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहायता के साथ यूक्रेन की बिगडती परिस्थिति पर चर्चा की । इस अवसर पर शोइगू ने सिंह को रूस की समस्याओं से अवगत कराया । दोनों मंत्रियों ने आगे भी चर्चा करते रहने के लिए संपर्क में रहने का निश्चित किया है ।
२. यूक्रेन द्वारा सामान्यत: दो सप्ताह पूर्व क्रिमिया में किए गए बडे बमविस्फोट का उत्तर देते हुए रूस ने यूक्रेन के अनेक नगरों में क्षेपणास्त्र की बौछार की थी । उसके उपरांत दोनों के मध्य संघर्ष बढ गया था।
३. अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष जो बायडेन ने परमाणु शस्त्रास्त्रों के प्रयोग के संदर्भ में रूस को चेतावनी दी है । उन्होंने कहा कि ऐसा करना गंभीर चूक होगी तथा रूस को उसके गंभीर परिणाम भुगतने हाेंगे ।
४. बायडेन प्रशासन ने इससे पूर्व कहा था कि रूस ने इससे पूर्व नोटिस दी है कि वह अपनी परमाणु क्षमताओं का नियमित रूप से अध्ययन करने का विचार कर रहा है ।
भारत-चीन के मध्य सामान्य संबंध वैश्विक हित में !- जयशंकरभारत के परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत में चीन के राजदूत सुन विडोंग से २६ अक्तूबर को भेंट की । इस अवसर पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन के मध्य सामान्य संबंध स्थापित करने हेतु सीमाक्षेत्र में शांति व्यवस्था रखने की आवश्यकता है । दोनों ही देशों के मध्य एक साझा संबंध एशियाई महाद्वीप तथा विश्व के हित में है । |