रामायण पर दिए हुए वक्तव्य को कांग्रेस के केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन वापस लिया !

कोझीकोड (केरल) – केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन ने रामायण पर स्वयं द्वारा दिए गए एक निंदनीय वक्तव्य पर खेद व्यक्त किया और उसे वापस ले लिया। इस आपत्तिजनक वक्तव्य के कारण सुधाकरन की तीव्र आलोचना हो रही थी।

१. एक दैनिक को दिए साक्षात्कार में सुधाकरन से एक प्रश्न पूछा गया। ‘मालाबार क्षेत्र के लोग और मध्य केरल के राजनीतिक नेता कितने अलग हैं ?’, सुधाकरन ने इस  प्रत्युत्तर में कहा, ‘जब भगवान राम रावण का वध कर लंका से अयोध्या लौट रहे थे, तब लक्ष्मण के मन में भगवान राम को समुद्र में धकेल कर उनकी पत्नी सीता माता को अपने साथ ले जाने का विचार आया । जब वे मध्य केरल पहुंचे, तो उनके विचार मन से निकल गए। लक्ष्मण के मन के विचार भगवान श्री राम के ध्यान में आ गए थे । उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि यह उसकी चूक नहीं है बल्कि ऎसा इस भूमि (दक्षिण केरल) के कारण है।

२. भाजपा एवं अन्य दलों के अन्य नेताओं द्वारा इस वक्तव्य के लिए उनकी आलोचना किए जाने के उपरांत सुधाकरन ने खेद व्यक्त किया और वक्तव्य वापस ले लिया । उन्होंने कहा कि मैंने यह कहानी बाल्यावस्था में सुनी थी, वह मैंने कहा । मेरा हेतु लोगों को विभाजित करने या न्यून करने का कदापि नहीं था ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं को मतपेटी के माध्यम से अब उन कांग्रेसियों को सबक सिखाना चाहिए जो सदा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करते रहे हैं !