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मिर्जापुर (उत्तरप्रदेश) – यहां के लालगंज स्थित बापू उपरौध महाविद्यालय में पढने वाले कुछ छात्र और छात्राओं द्वारा माथे पर चंदन का तिलक लगाने से महाविद्यालय के प्रभारी (कुछ समय के लिए कार्यभार संभालने वाले) प्राचार्य मोहम्मद कासिफ उन पर भडके । इस समय कासिफ ने महाविद्यालय परिसर में स्थित मंदिर बंद कर दिया । यह घटना ८ सितंबर की है और आगे ३ दिन मंदिर बंद रहा । प्रधानाचार्य धर्मजीत सिंह के वापस आने पर पुजारी ने उन्हें घटना बताई । सिंह ने घटना की जांच कर कासिफ पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है ।
१. प्रधानाचार्य धर्मजीत सिंह की अनुपस्थिति में मोहम्मद कासिफ के पास प्राचार्य के रुप में कार्यभार था ।
२. पुजारी ने बताया कि, ‘कासिफ के मंदिर बंद रखने का आदेश देने के कारण पिछले ५० वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि मंदिर बंद रहा मंदिर बंद रहा’ ।
३. पुजारी ने आरोप लगाया कि, मोहम्मद कासिफ ने उन्हें कहा कि, जिस दिन मेरे पास महाविद्यालय का कार्यभार होता है, उस समय महाविद्यालय का समय समाप्त होने पर ही मंदिर खोलें ,तब तक मंदिर बंद रखें ।
४. घटना की जानकारी मिलते ही विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे । उन्होंने इस घटना का विरोध किया । उन्होंने आरोप लगाया कि, ‘कासिफ हिन्दुओं से घृणा करते हैं’ ।
५. विश्व हिन्दू परिषद सहित स्थानीय लोगों ने धर्मपाल सिंह से कासिफ पर कार्यवाही करने की मांग की है । कासिफ ने उन पर लगाए गए सभी आरोपों को नकारा है ।
संपादकीय भूमिकायह भारत है या पाकिस्तान जहां इस तरह की घटना घट रही है ? हिन्दुओं में संगठन के अभाव के कारण कोई भी उठ खडा होता है और हिन्दुओं के मंदिर बंद कर देता है । यह हिन्दुओं के लिए अति लज्जास्पद ! |