यूक्रेन में चिकित्सकीय शिक्षा ले रहे एवं भारत वापस आए छात्रों को भारतीय संस्थाओं में प्रवेश नहीं !

सर्वोच्च न्यायाल में केंद्रशासन द्वारा शपथपत्र !

नई देहली – १६ सितंबर को केंद्र सरकार ने एक शपथपत्र सर्वोच्च न्यायालय में प्रविष्ट किया है । उसमें कहा है कि यूक्रेन में चिकित्सकीय शिक्षा ले रहे एवं भारत वापस आए छात्रों को भारतीय ‍विश्वविद्यालय, विद्यापीठ अथवा अन्य संस्थाओं में समाहित नहीं किया जाएगा । फरवरी माह में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के पश्चात युद्धजन्य परिस्थिति के कारण लगभग २० सहस्र भारतीय छात्रों को शिक्षा छोडकर अपने देश में वापस आना पडा है ।

१. केंद्र सरकार ने शपथपत्र में स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय चिकित्सकीय आयोग कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है । केंद्र ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा है कि इन सभी छात्रों को ‘नीट’ परीक्षा में (चिकित्सकीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए परीक्षा) अल्प अंक प्राप्त होने अथवा भारत में शुल्क (फीस) न भर सकने के कारण शिक्षा लेने वे विदेश गए थे । इसलिए यदि अब उनको छूट दी गई, तो देश की चिकित्सकीय शिक्षा के परिणामों का स्तर घट जाएगा तथा ये छात्र शुल्क भी नहीं भर सकेंगे ।

२. यदि ऐसा हो, तथापि इन छात्रों की चिकित्सकीय शिक्षा पूर्ण करने के लिए रूसी विश्वविद्यालयों ने छात्रों का स्वागत किया है । नई देहली में रूसी शैक्षिक मेले के समय इसके लिए विशेष ‘हेल्प डेस्क’ रखा गया था । भारतीय छात्रों को ‘ट्यूशन फीस’ एवं छात्रावास (होस्टल) में रहने के लिए विशेष छूट दी जा रही है ।