पूरे ५ सहस्र चारपहिया वाहन चुरानेवाले अनिल चौहान को बंदी बनाया गया !

  • गत २७ वर्षाें में अनेक टैक्सी चालकों की हत्या की गई !

  • अनेक बार कैद एवं मुक्ति !


नई देहली – देहली पुलिस ने ५ सितंबर को अनिल चौहान नामक देश के सबसे बडे चारपहिया चोर को बंदी बनाया । उस पर ५ सहस्र चारपहिया वाहन चुराने का आरोप है । पिछले २७ वर्षाें में उसने अनेक टैक्सी चालकों की हत्या भी की है । पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ५२ वर्षीय अनिल ने चोरी से प्राप्त पैसों से देहली, मुंबई तथा पूर्व-उत्तर भारत में अनेक संपत्ति क्रय की है । उसे ३ पत्नियां तथा ७ बच्चे हैं ।

१. सेंट्रल देहली पुलिस के विशेष अधिकारियों द्वारा बंदी बनाने की इस कार्यवाही में अनिल से ६ पिस्तौल तथा ७ कारतूसें नियंत्रण में ली गईं ।

२. देहली के खानपुर भाग में रहनेवाला अनिल रिक्शा चलाने का काम करता था । वर्ष १९९५ के उपरांत उसने चारपहिया चुराना आरंभ किया । २७ वर्षाे में उसने सर्वाधिक ‘मारुति’ प्रतिष्ठान से ८०० गाडियों की चोरी की ।

३. वह देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में जाकर चारपहिया वाहन चुराता था तथा नेपाल, जम्मू-कश्मीर तथा पूर्व-उत्तर राज्यों में उनका विक्रय करता था ।

४. उसने असम में सरकारी ठीकेदार के रूप में भी काम किया । वह वहां के स्थानीय नेताओं के संपर्क में था ।

५. पुलिसकर्मियों ने अनिल को अब तक अनेक बार बंदी बनाया है । वर्ष २०१५ में उसे कांग्रेस के एक विधायक के साथ बंदी बनाया गया था । उस समय उसे ५ वर्ष के लिए दंडित किया गया था । वर्ष २०२० में उसकी मुक्ति हुई । उसके विरुद्ध पूरे १८० अपराध प्रविष्ट हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • इतना पक्का अपराधी होते हुए बंदी बनाने पर उसे क्यों छोडा गया ? इससे ‘क्या चौहान ने पुलिसकर्मियों से सांठगांठ कर इतनी हत्याएं तथा असंख्य चोरियां तो नहीं कीं, इसका अन्वेषण भी होना चाहिए’, यदि किसी ने ऐसी मांग की तो उसमें क्या चूक है ?
  • ऐसे अपराधी को फांसी का दंड ही देना चाहिए । ऐसे अपराधियों पर कार्यवाही न होने से देश में अपराध नहीं रुक रहे । इससे ‘छोटे अपराध करने पर भी मुझे कुछ नहीं होगा’, समाज में ऐसी मानसिकता प्रचलित हो गई है । ‘इसके लिए सर्वपक्षीय शासनकर्ता ही उत्तरदायी हैं, यह अतिशयोक्ति नहीं’, ऐसा कहना पडे, तो यह देश का दुर्भाग्य है !