उन्हें पाकिस्तान दे रहा है आतंवादी प्रशिक्षण, जबकि रोहिंग्या भारत में कानून व्यवस्था के लिए बने हुए हैं चुनौती !
नई दिल्ली – म्यांमार में हुई हिंसा के उपरांत वहां के रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत एवं बांग्लादेश के अतिरिक्त सऊदी अरब, मलेशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, कनाडा, फिनलैंड समेत १८ देशों में घुसपैठ की है । ऐसे घुसपैठियों की कुल संख्या २० लाख आंकी गई है । पाकिस्तान में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान पहुंचे हैं । रोहिंग्याओं को पाकिस्तान में, भारत में घुसपैठ करने और आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है । एशिया के विभिन्न देशों में पहुंचे रोहिंग्या वहां की सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं । उन्होंने भारत में भी अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न की हैं । रोहिंग्याओं की उपस्थिति के कारण देश में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है, साथ ही वे कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौती हैं ।
१. भारत में यह उजागर हुआ है कि ´पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया´ संगठन रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड बनवा देता है ।
२. भारत में कड़ी सुरक्षा के कारण कुछ रोहिंग्याआ नेपाल चले गए हैं । कहा जाता है कि रोहिंग्याओं को नेपाल में जिहादी समूहों से वित्तीय सहायता मिल रही है ।
३. इस्लामिक देश इंडोनेशिया ने अपराध में सम्मिलित रोहिंग्याओं को शरण देना नकार दिया है तथा इंडोनेशिया पहुंचे रोहिंग्याओं को जहाज में बैठा कर वापस भेजा जा रहा है ।
४. संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि ९२०,००० रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं । रोहिंग्या नशीले पदार्थों एवं महिला तस्करी जैसे जघन्य अपराधों में सम्मिलित हैं । कानून व्यवस्था की दृष्टि से उनकी उपस्थिति एक आव्हान है । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कनाडा के एक अधिकारी से कहा था कि देश में अनुमानित ११ लाख रोहिंग्याओं बांग्लादेश के लिए अनेक समस्याएं निर्माण कर रहे हैं ।
संपादकीय भूमिकाइसमें कोई शंका नहीं है कि १८ देशों को उन्हीं कारणों का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए म्यांमार ने रोहिंग्या को मार-मार कर देश से खदेडा था ! इसके अतिरिक्त रोहिंग्या इन देशों में राष्ट्र-विरोधी कृत्य और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करेंगे । अत: इन देशों को अभी से इस समस्या के समाधान के लिए कडे निर्णय लेने चाहिए ! |