बांग्लादेश सरकार के सलाहकार द्वारा मानचित्र में भारत के राज्यों को दिखाने पर ४ दिन बाद भारत की प्रतिक्रिया !

नई दिल्ली – १६ दिसंबर को बांग्लादेश निर्माण के वर्धापन दिवस पर एक्स पर एक पोस्ट में, बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधान मंत्री मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम ने बांग्लादेश का एक नक्शा दिखाया, जिसमें बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ भागों को भारत में दिखाया गया। विरोध के बाद उन्होंने पोस्ट हटाया था । भारतीय विदेश मंत्रालय ने ४ दिन बाद इस पर प्रतिक्रिया दी है । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैस्वाल ने एक पत्रकार परिषद में कहा, ”हमें पता चला है कि पोस्ट हटा दिया गया है; लेकिन हम फिर भी उन्हें सार्वजनिक टिप्पणियों के प्रति सावधान रहने की याद दिलाना चाहते हैं। ऐसी टिप्पणियां यह घोषित करती हैं कि सार्वजनिक टिप्पणियाँ करते समय हमें अधिक जिम्मेदार होने की आवश्यकता है। भारत ने बार-बार बांग्लादेश के लोगों और अंतरिम सरकार के साथ संबंध बढ़ाने में रुचि व्यक्त की है; लेकिन ऐसी कृतियों से दोनों देशों के संबंधों पर परिणाम हो सकते है।
अगस्त से बांग्लादेश में हिंदुओं के विरोध में हिंसा की २ हजार २०० घटनाएं
इस समय रणधीर जयसवाल ने कहा कि ५ अगस्त २०२४ को शेख हसीना के त्यागपत्र के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा के २ हजार २०० प्रकरण नोट (प्रविष्ट) किए हैं। इस समय पाकिस्तान में भी ऐसे ११२ प्रकरण सामने आए हैं । भारत सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार से चिंता व्यक्त की है।भारत को आशा है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। (भारत को अब भी यह ध्यान में रखना चाहिए की जिहादी मानसिकता वाले लोगों से ऐसी आशाएँ हास्यास्पद और मूर्खतापूर्ण हैं ? – संपादक)
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश का भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का कोई प्रयास नहीं है, बल्कि वह भारत को उकसा रहा है। ऐसे में भारत आत्मघाती गांधीगिरी क्यों कर रहा है ? देशभक्तों के मन में यह प्रश्न उठ रहा है ! |