गोवंश की तस्करी, यातायात, गोहत्याएं, सहस्रों अवैध पशुवधगृहों आदि सभी प्रकारों में धर्मांध ही अधिक होते हैं । कानून के होते हुए भी पुलिस उन पर स्वयं कार्यवाही नहीं करती, तो अधिकांश बार उनसे मार खाकर आती है । विगत अनेक शतकों से गो-जिहाद चलते रहने से करोडों की संख्या का गोधन अब बहुत अल्प हुआ है और देसी गायों की अनेक प्रजातियां अब नष्ट होती जा रही हैं ।