(दरगाह अर्थात मुसलमानों की कब्र )
देहरादून (उत्तराखंड) – यहां के जिम कार्बेट अभयारण्य में मुसलमानों द्वारा अवैधरूप से अनेक दरगाहों का निर्माणकार्य करने की बात सामने आई है । यह समाचार ‘ऑप इंडिया’ नामक समाचार संकेतस्थल पर प्रकाशित किया गया है ।
Several mazars have come up inside Jim Corbett National Park, demographic shift continues to remain a burgeoning issue in Uttarakhand (@STVRahul reports) https://t.co/R6Eslx2SYF
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 8, 2022
१. इस समाचार संकेतस्थल के पत्रकार ने इस अभयारण्य की यात्रा की, उस समय उसे यहां अवैध दरगाहों की निर्मिति दिखाई दी । अधिकांश दरगाहें प्रतिबंधित क्षेत्र में, अर्थात जहां जंगली जानवरों का अधिक संकट रहने के कारण पर्यंटकों को वाहन से नीचे उतरने पर प्रतिबंध है, ऐसे स्थानों पर ही यह निर्मिति की गई है । इन दरगाहों के विषय में यह बात सामने आई है कि अभयारण्य के ‘गाईड’ (अभयारण्य दर्शक) को भी पूरी जानकारी नहीं है । इन दरगाहों के आसपास कोई भी व्यक्ति दिखाई नहीं दिया । यदि पर्यटकों को वाहन से नीचे उतरने पर प्रतिबंध है, तो यहां इन दरगाहों का निर्माणकार्य किसने तथा क्यों किया है ? उन्होंने निर्माणकार्य का सभी सामान यहां कैसे लाया होगा ? इस प्रकार के अनेक प्रश्न उपस्थित हुए हैं ।
२. अभयारण्य से पहले यहां रामनगर के जंगल में एक पथ के निकट एक बडी दरगाह दिखाई दी थी । वहां एक भी व्यक्ति नहीं था । वहां के दीवारपत्रक पर ‘भूरे शाह शेर अली जुल्फकार दादमियां का उर्स’ लिखा गया था।
३. कुल मिलाकर इस क्षेत्र में वनविभाग की सुरक्षा होते हुए भी दरगाहों का निर्माणकार्य किसने तथा क्यों किया ? ऐसा कहा जाता है कि यहां का कुछ क्षेत्र केवल शेरों के लिए है, किंतु वहां भी दरगाह थी ।
४. यहां के रमेश नामक एक ‘गाईड’ ने बताया कि यहां पर्यटकों को अभयारण्य दिखानेवाले अधिकांश वाहन मुसलमानों के हैं । नैनीताल जनपद में मुसलमानों की जनसंख्या १२.६५ प्रतिशत है ।
संपादकीय भूमिकाइस प्रकार दरगाहों का निर्माणकार्य करने तक प्रशासन एवं वनाधिकारी क्या कर रहे थे ? क्या अब उन पर कार्यवाही की जाएगी ? इस प्रकार के प्रश्न उपस्थित होते हैं ! हिन्दुओं को यह प्रतीत होता है कि राज्य की भाजपा सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए ! |