‘१४.४.२०२२ की दोपहर को मैं पलंग पर विश्राम कर रही थी, उस समय मुझे ‘दो वानर कहीं जा रहे हैं’, ऐसा दृश्य दिखाई दिया । कुछ समय पश्चात उठने पर मैने सहज ही शालिग्राम की ओर देखा, तब मुझे उस पर श्वेत आकारवाले हनुमानजी का रेखाचित्र दिखाई दिया । ‘हनुमानजी खडे हैं और वे हाथ जोडकर प्रार्थना कर रहे हैं’, ऐसा मुझे लगा । शालिग्राम के शंकुरूप भाग को नीचा कर शालिग्राम को खडा कर देखने पर मुझे हनुमानजी के दर्शन हुए । शालिग्राम पर स्थित हनुमानजी का रेखाचित्र देखने पर यह मेरे ध्यान में आया । मुझे ‘वानर दिखाई देना’ शालिग्राम पर हनुमानजी के होने का सूचक था ।’ हनुमानजी के उस रेखाचित्र की ओर देखकर ‘वे रामराज्य आने के लिए श्रीराम से प्रार्थना कर रहे हैं’, ऐसा मुझे लगा । इस शालिग्राम पर एक सुंदर स्वर्णरेखा है । हनुमानजी की ओर देखते समय वह स्वर्णरेखा मानो उनकी पूंछ है’, ऐसा मुझे लगा । ’ – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी, चेन्नई, तमिळनाडू. (५.५.२०२२)
सनातन प्रभात > Post Type > साधना > ‘श्रीराम शालिग्राम’ पर प्रार्थना कर रहे हनुमानजी का रेखाचित्र दिखाई देना
‘श्रीराम शालिग्राम’ पर प्रार्थना कर रहे हनुमानजी का रेखाचित्र दिखाई देना
नूतन लेख
- भगवान के द्वारा इस वर्ष अनेक साधकों का आध्यात्मिक स्तर उतना ही रखने के कारणों के पीछे की गुरुदेवजी की कृपा का रहस्योद्घाटन !
- सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
- कोटि-कोटि प्रणाम !
- UP’s New Social Media Policy : देश विरोधी पोस्ट प्रसारित करनेवालों को आजीवन कारावास का प्रावधान
- WAQF Claims Govindpur Bihar : ९५ प्रतिशत हिन्दुओं वाले गोविंदपुर (बिहार) गांव को खाली करने का वक्फ बोर्ड का आदेश !
- Om Mountain : उत्तराखंड के ओम पर्वत से ‘ॐ’ चिन्ह विलुप्त हुआ !