‘नेशनल हेराल्ड’ द्वारा करोड़ों रुपये की दुर्विनियोग का प्रकरण !
मुंबई – कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ´नेशनल हेराल्ड ´ के प्रकरण में २१ जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पूछताछ की गई । इस जांच के विरोध में कांग्रेस द्वारा ‘सत्याग्रह’ के नाम पर प्रदर्शन और आंदोलन किए गए । इस पृष्ठभूमि के विरोध में कांग्रेस और भाजपा दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं ।
Sonia Gandhi’s ED questioning over for the day
National Herald case LIVE:https://t.co/COy54ntapp #SoniaGandhi #Congress #EnforcementDirectorate pic.twitter.com/DtnlV1SrjC— IndiaToday (@IndiaToday) July 21, 2022
*कांग्रेस नेताओं को नीचा दिखाने का प्रयत्न ! – कांग्रेस
बीजेपी, कांग्रेस नेताओं को नीचा दिखाने का प्रयत्न कर रही है । वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निंदा करते हुए कहा कि यह राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है ।
*कांग्रेस का विरोध ‘सत्याग्रह’ नहीं ‘दुराग्रह’ है ! – भाजपा
दूसरी ऒर कांग्रेस द्वारा जारी विरोध ‘सत्याग्रह’ नहीं बल्कि ‘दुराग्रह’ है । भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की सारी संपत्ति गांधी परिवार की जेब में चली गई है । इससे पहले भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर चुकी है । उस समय भी कांग्रेस ने विरोध में आंदोलन किए थे।
क्या है ‘नेशनल हेराल्ड’ प्रकरण ?पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा ‘नेशनल हेराल्ड’ नाम से एक दैनिक प्रारंभ किया गया था । ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ नामक प्रतिष्ठान इसका प्रकाशक था । वर्ष २००८ में ९० करोड़ रुपये के ऋण के बोझ के कारण दैनिक बंद हो गया था । उसके उपरांत वर्ष २०१० में ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ नामक एक प्रतिष्ठान की स्थापना की गई । इसमें गांधी मां और पुत्र के पास ७६ प्रतिशत समभाग थे जबकि शेष २४ प्रतिशत कांग्रेस के अन्य नेताओं के पास थे । यंग इंडिया लिमिटेड ने ९० करोड़ रुपये के ऋण के साथ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को केवल ५० लाख रुपये देकर खरीदा । |