न्यूयॉर्क (अमेरिका) – वैश्विक तापमान बढने से संपूर्ण विश्व में संकट निर्माण हुआ है । यूरोपियन खंड, अमेरिका तथा चीन जैसे अनेक देश भीषण उष्णता के कारण त्रस्त हैं । फ्रान्स, स्पेन, पोर्तुगाल के साथ ही १० देशों के जंगलों को लगी आग के कारण उष्मा की तीव्रता भयंकर रूप से बढ गई है । ब्रिटेन का तापमान ४० अंश से अधिक है । इसलिए देश में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल लागू किया गया है । संयुक्त राष्ट्र ने ऐसी गंभीर चेतावनी दी है, कि जंगल में लगी भयंकर आग के कारण सर्वत्र उष्णता की चरम सीमा है एवं इससे घुटन के कारण आधी जनसंख्या सामूहिक आत्महत्या के मार्ग पर आ गई है ।
Humanity faces ‘collective suicide’ over climate crisis, warns UN chief https://t.co/0mJ3TdNBXJ
— Guardian Environment (@guardianeco) July 18, 2022
विगत ४६ वर्षों में भयानक गति से बढ रही उष्णता की दाह में पूरा विश्व जलने लगा है । कहा जा रहा है कि बढती उष्णता के लिए जंगल में लगी आग ही प्रमुख कारण है । स्पेन के ३६ स्थानों में दावानल सुलग उठा है । इसमें २२ सहस्र हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की वनसंपदा जलकर राख हो गई है । परिणाम यह है कि दक्षिण-पश्चिम स्पेन में तापमान ४४ अंश सेल्सियस से अधिक हो गया है । उष्माघात के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो रही है ।
संपादकीय भूमिकाप्रगति के नाम पर पर्यावरण का ह्रास करने का यह दुष्परिणाम है । प्रहार करने से प्रकृति अपना रूप दिखा ही देती है, यह बात मानव के ध्यान में आए एवं वह प्रकृति के अनुकूल वर्तन करे, वह सुदिन होगा ! |