Nepal Royalist Movement : नेपाल में राजशाही के समर्थन में चल रहे आंदोलन में भारत की कोई भूमिका नहीं है !

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नेपाल की विदेश मंत्री को किया स्पष्ट !

नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

काठमांडू (नेपाल) – नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भारत की यात्रा पर हैं । उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ कई सूत्रों पर चर्चा की । इसमें नेपाल में राजशाही के समर्थन में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर भी चर्चा की गई । जयशंकर ने आरजू राणा को स्पष्ट किया है कि ‘नेपाल में राजशाही के समर्थन में चल रहे आंदोलन में भारत की कोई भूमिका नहीं है ।’ भारत ने नेपाली निर्यात पर लगी बाधाओं को धीरे-धीरे अल्प करने का आश्वासन दिया है । दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर भी चर्चा की । कुछ दिन पूर्व ही नेपाल के भूतपूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के स्वागत के लिए सहस्रों (हजारों) लोग नेपाल की राजधानी काठमांडू में एकत्रित हुए थे । इस समयावधि में ज्ञानेन्द्र शाह के समर्थकों ने नेपाल में राजशाही को पुनर्संचयित और हिन्दू धर्म को पुनः राज्य धर्म के रूप में स्थापित करने की मांग की । भीड ने ‘राजा के लिए महल खाली करो’ और ‘राजा वापस आओ, देश बचाओ’ जैसे नारे लगाए थे ।

क्या भारत नेपाल में हस्तक्षेप कर रहा है ?

‘काठमांडू पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ भारतीय विशेषज्ञ नेपाल में राजशाही और हिन्दू राष्ट्र के समर्थन में चल रहे आंदोलन के पक्ष में बोल रहे हैं । नई देहली में संपन्न हुए १० वें ‘रायसीना संवाद’ के समय नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने एस. जयशंकर से भेंट की और उन्हें बताया कि काठमांडू और भारत में कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि भारत नेपाल में राजशाही और हिन्दुत्व आंदोलन का समर्थन करता है ।

आरजू राणा ने जयशंकर से पूछा, ‘क्या ये दावे सच हैं ?’ जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत ऐसी गतिविधियों में सहभागी नहीं है । हमारी कोई भूमिका नहीं है । भारत ने स्पष्ट रूप से नेपाल में राजशाही समर्थक गतिविधियों से स्वयं को दूर रखा है । भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने भी इसी प्रकार का स्पष्टीकरण दिया है ।

आरजू देउबा से पूछा गया, ‘क्या नेपाल और भारत के बीच संबंध इसलिए बिगड गए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ओली ८ महीने तक पद पर रहने के उपरांत भी भारत नहीं आए हैं ?’ इस पर उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है ।’ भारत के साथ संबंध सही मार्ग पर हैं । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मई में सागरमाथा वार्ता के लिए नेपाल की यात्रा कर सकते हैं । भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए नेपाल में प्रयास जारी हैं ।