NASA and SpaceX’s Mission Succeeds : अंतत: अंतरिक्षयात्री सुनीता विल्यम्स तथा बुच विल्मोर पृथ्वी पर लौटे !

  • ‘नासा’ एवं ‘स्पेसएक्स’ के संयुक्त अंतरिक्ष अभियान की सफलता

  • ९ महिनों में पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य की दूरी से भी अधिक दूरी काटी !

अंतरिक्षयात्री सुनीता विल्यम्स तथा बुच विल्मोर

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – अंतरिक्षयान में उत्पन्न तांत्रिक दोष के कारण अंतरिक्ष में ९ महिने (२८६ दिन) बिताने के उपरांत अंतरिक्षयात्री सुनीता विल्यम्स तथा बुच विल्मोर अंतत: पृथ्वी पर वापस लौटे । भारतीय समय के अनुसार १९ मार्च को प्रातः ३.३० बजे फ्लॉरिडा के तट के पास नासा के ये दोनों अंतरिक्षयात्री सुरक्षित नीचे उतरे । मूल अभियान केवल ८ दिन का था; परंतु कुछ तांत्रिक दोष उत्पन्न होने के कारण इन अंतरिक्षयात्रियों को २८६ दिन अंतरिक्ष में रहना पडा । नासा ने अंतरिक्षयात्रियों के पृथ्वी पर उतरने के क्षण का वीडियो प्रसारित किया है । लंबा चले अभियान की अवधि में इन अंतरिक्षयात्रियों ने ४ सहस्र ५७६ बार पृथ्वी की परिक्रमा की तथा पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने से पूर्व लगभग १९५ दशलक्ष किलोमीटर की यात्रा की । यह दूरी पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य की दूरी से भी अधिक है । सूर्य पृथ्वी से लगभग १५० दशलक्ष किलोमीटर दूरी पर है ।

१. इन दोनों को वापस लाने हेतु प्रयास जारी थे । एक समय तो ऐसा था कि ये दोनों जीवित रहेंगे अथवा नहीं ?, इस पर संदेह था; परंतु ‘स्पेसएक्स’के प्रमुख इलॉन मस्क के तत्त्वावधान में तथा ‘नासा’के सहयोग से यह अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ।

२. ‘नासा’ एवं ‘स्पेसएक्स’ के तंत्रज्ञों की बैठक हुई, जिसमें फ्लॉरिडा के मौसम का अनुमान लिए जाने के उपरांत वापसी की यात्रा एक दिन पूर्व ही आरंभ करने का निर्णय लिया गया । इन दोनों अंतरिक्षयात्रियों के ‘स्पेसएक्स कैप्सूल’ द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन’ से निकलने के कुछ ही घंटे उपरांत वह ‘गल्फ ऑफ मैक्सिको’ में उतरा ।

इलॉन मस्क ने जो बाइडेन पर लगाया आरोप !

‘स्पेसएक्स’के मुख्य अभियंता तथा प्रमुख प्रमुख इलॉन मस्क ने इस अभियान की सफलता के विषय में ‘फॉक्स न्यूज’से बात करते हुए कहा कि मैं इससे पूर्व बाइडेन प्रशासन ने इस अभियान की रूपरेखा तैयार करने की अनुमति मांग रहा था; परंतु उन्होंने उसे प्रधानता नहीं दी, अन्यथा कुछ महिने पूर्व ही इन दोनों अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी पर लाया जा सकता था । वर्तमान राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस अभियान को प्रधानता दी; उसके कारण हम इस सफलता का अनुभव कर पा रहे हैं ।

अंतरिक्षयात्रियों को ४५ दिन के ‘एक्लमेटाइजेशन प्रोग्राम’से गुजरना होगा !

(एक्लमेटाइजेशन अर्थात ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी जीव को वहां के वातावरण से समरस होने हेतु किए जानेवले प्रयास ! इसमें नमी, गुरुत्वाकर्षण, तापमान आदि बिंदुओं पर विचार किया जाता है ।)

९ महिने की लंबी अवधि तक संपूर्णरूप से भिन्न वातावरण में रहने के कारण इन दोनों अंतरिक्षयात्रियों के शरीर के हुए क्षरण की भरपाई करने हेतु उन्हें ४५ दिन के ‘एक्लमेटाइजेशन प्रोग्राम’में रहना पडेगा । उसके उपरांत ही ये दोना पहले जैसा सामान्य जीवन जी पाएंगे । संपूर्णरूप से भिन्न वातावरण में रहने के कारण इन दोनों के शरीर में आए परिवर्तन, शरीर का क्षरण अथवा उनके शरीर द्वारा अंतरिक्ष स्थानक के वातावरण से मेल कर लेने से इन सभी बिंदुओं के यथास्थिति में आने हेतु यह समय उनके नियोजित उपचार लेने के लिए आवश्यक होगा ।

४५ दिन की इस अवधि में पृथ्वी का वातावरण तथा सबसे महत्त्वपूर्ण पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल तथा उससे प्रभावित उनके शरीर की क्रियाएं सामान्य स्थिति में आने हेतु उनकी सहायता की जाएगी ।

सुनीता विल्यम्स के पैतृक गांव में यज्ञ संपन्न करानेसहित देवी को अर्पण किया गया था सहस्रों किलो घी !

गुजरात में स्थित झुलासन सुनीता विल्यम्स का मूल गांव है ! यहां उनके परिजन रहते हैं । उनके अंतरिक्ष में फंस जाने के कारण इस गांव में उनके परिजनोंसहित गांव के अन्य लोगों में भी चिंता का वातावरण था । सुनीता विल्यम्स अंतरिक्ष से सुरक्षित वापस आएं, इसके लिए गुजरात के उनके चचरे भाई दिनेश रावल ने यज्ञ किया था । उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘हमने हमारे गांव में देवी की प्रार्थना आरंभ की थी । वरदाईदेवी को हमने सहस्रों किलो घी अपण किया था । गांव के रघुनाथ विद्यालय के छात्रों के साथ यज्ञ का आयोजन किया गया था । आज मुझे ऐसा लगता है कि आज का यह दिन हमारे लिए स्वर्णिम दिन है ।’’