अजमेर दरगाह का सेवक (खादीम) गौहर चिश्ती ने रचा था अजमेर एवं उदयपुर में दंगे करवाने का षड्यंत्र !

दरगाह के अन्य सेवकों को षड्यंत्र की थी जानकारी !

(दरगाह अर्थात मुसलमान की कब्र का स्थान)

मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह का खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती को बंदी बनाया गया

उदयपुर (राजस्थान) – अजमेर के मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह का खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती को हाल ही में बंदी बनाए जाने के उपरांत उसकी छानबीन की गई । कन्हैयालाल की हत्या के उपरांत गौहर ने हिन्दुओं के संदर्भ में उकसानेवाले वक्तव्य किए जाने का वीडियो प्रसारित होने से उसे बंदी बनाया गया है । उसके द्वारा दी गई जानकारी से यह बात सामने आई है कि अजमेर एवं उदयपुर में हिन्दुओं पर आक्रमण कर दंगे भडकाने का उसका षड्यंत्र था । इसकी जानकारी अन्य खादिमों (सेवक) को थी; परंतु उन्होंने वह पुलिस को नहीं दी, यह भी उजागर हुआ है । (ऐसों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए । इससे ऐसी जानकारी होने पर भी पुलिस को न देनेवालों पर भी धाक निर्माण होगी और आगे ऐसा कहीं होनेवाला होगा, तो उस विषय में वे जानकारी देंगे ! – संपादक)

गौहर चिश्ती ने १६ जून २०२२ को खादिमों के साथ मोहल्ला बैठक ली थी । इस अवसर पर उसने दंगे करवाने के लिए उकसाया था । इसके साथ ही उसके एक वॉट्सएप गुट भी बनाया था । उसका षड्यंत्र कुछ खादिमों के ध्यान में आने पर उन्होंने अगले दिन होनेवाले मोर्चे में सम्मिलित होना टाला था । इस मोर्चे के उपरांत गौहर चिश्ती उदयपुर गया था । २८ जून को मुहम्मद रियाज एवं मुहम्मद गौस ने कन्हैयालाल की हत्या की । ये दोनों गौहर के संपर्क में थे ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं को अजमेर दरगाह के सेवकों की खरी पहचान हो जाने से उन्होंने दरगाह में जाना बंद करना आरंभ कर दिया है । अब इसमें सातत्य रखने की आवश्यकता है ! इसके साथ ही अन्यत्र के हिन्दुओं को भी इसका विचार करना चाहिए !