दंगाइओं से नहीं वसूला जा सकता मुआवजा ! – पटना उच्च न्यायालय

दंगाइओं की ओर से देशभर में ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करते हुए तोडफोड, पथराव, रेल्वे गाडियों का जलाना आदि माध्यम से अरबों रुपयों की सरकारी एवं सामाजिक संपत्ति की हानि !

पटना (बिहार) – दंगाइओं से मुआवजा वसूल नहीं किया जा सकता, ऐसा निर्णय पटना उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया । ‘अग्निपथ’ नामक भारतीय सेना में जवानों की भरती के लिए सरकारी योजना के विरोध में विविध राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए । दंगाइयों ने इस समय अरबों रुपयों की हानि की । ‘उसकी वसूली उनसे ही की जाए’, इस मांग की एक जनहित याचिका पटना उच्च न्यायालय में प्रविष्ट की गई थी । उस पर न्यायालय ने उपरोक्त निर्णय देते हुए उसे खारिज कर दिया ।

अग्निपथ योजना के विरोध में जगह जगह पर रेल गाडियों को जलाना, तोडफोड करना, पथराव करना, आदि प्रकार की हिंसात्मक घटनाएं हुई थीं । बिहार राज्य में हिंसा की सर्वाधिक घटनाएं हुई थीं ।

संपादकीय भूमिका

  • विरोध प्रदर्शित करने के लिए कानून-व्यवस्था को ताक पर रखकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को डर कैसे लगेगा ? राष्ट्र की हानि टालने के लिए ऐसे मामलों में शीघ्रगति न्यायालयों के माध्यम से त्वरित फैसले दिए जाने आवश्यक !
  • पिछले कुछ समय से दंगों की घटनाएं बढ रही हैं और उसके विरोध में क्या भारतीय कानून में प्रभावी निवारक उपाय हैं, यह देखना आवश्यक है । यदि वैसे सख्त कानून हैं, तो उन्हे प्रभावी होना चाहिए । यदि ऐसा नहीं है, तो केन्द्र और विविध राज्य सरकारें उन पर कठोर कानून बनाएं, यह समय की आवश्यकता है, ऐसा ही सामान्य जनता को लगता है !