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मुंबई – विगत कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में आरंभ हुआ सत्ता संघर्ष अत्यंत अप्रत्याशित मोड पर आ पहुंचा है । शिवसेना से दूर गए नेता श्री. एकनाथ शिंदे ने ३० जून को महाराष्ट्र के ३० वें मुख्यमंत्री के रूप में राजभवन में शपथ ली । एवं देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सायंकाल ७.३० बजे शपथ समारोह संपन्न हुआ ।
LIVE | Oath ceremony at Raj Bhavan, Mumbai #Maharashtra https://t.co/9hufVo6lMq
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 30, 2022
देवेंद्र फडनवीस द्वारा श्री. एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्रीपद की घोषणा !‘शिवसेनापार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरेजी ने २९ जून को त्यागपत्र देने के पश्चात राज्य को एक पर्यायी सरकार देने की आवश्यकता थी । वह हम दे रहें हैं । श्री. एकनाथ शिंदे ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे । इस सरकार को मेरा समर्थन होगा’, ऐसी घोषणा भाजपा के नेता श्री. देवेंद्र फडनवीस ने ३० जून को पत्रकार परिषद में की । इस अनपेक्षित घोषणा से सभी को आश्चर्य हुआ । इसी समय श्री. देवेंद्र फडनवीस ने मंत्रीमंडल के बाहर रहने का निर्णय भी घोषित किया । |
देवेंद्र फडनवीस आगे बोले
१. कुछ दिनों से निर्मित राजनीतिक परिस्थिति के कारण शिवसेना के विधायकों की निराशा हो रही थी । उस समय श्री. एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं के संग न जाने का निर्णय लिया ।
२. महाविकास गठबंधन सरकार ने प्रचंड भ्रष्टाचार किया है । इस सरकार के २ मंत्रियों का कारागृह में जाना, खेदजनक है ।
३. एक ओर शिवसेनाप्रमुख (स्व.) बालासाहेब ठाकरेजी ने देश के शत्रु दाऊद का विरोध किया, तो दूसरी ओर उनके साथ संबंधित मंत्री को पदसे हटाया भी नहीं गया ।
४. अंतिम दिन जाते जाते इस सरकार ने औरंगाबाद का नामकरण ‘संभाजीनगर’ किया । राज्यपाल का पत्र मिलने के उपरांत मंत्रीमंडल की कोई भी बैठक ले नहीं सकते; परंतु वह भी ठाकरे ने ली ।
बाळासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक को मुख्यमंत्री पद का अवसर ! – एकनाथ शिंदेमुख्यमंत्रीपद की घोषणा होने के उपरांत एकनाथ शिंदे बोले, ‘बहुमत रहते हुए भी देवेंद्र फडनवीसज ने उदार मन का परिचय दिया है । फडणवीस का विश्वास को कभी भी टूटने नहीं देंगे ।’’ राज्यपाल को सत्ता स्थापित करने का दावा करने के पश्चात ली गई पत्रकार परिषद में एकनाथ शिंदे ऐसा बोल रहे थे । |