हिन्दू लडकी को भगाने के कारण नहीं, अपितु अतिक्रमण के कारण घर गिराया !

घर गिराए जाने पर आसिफ नामक युवक की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार का उत्तर

प्रतीकात्मक छायाचित्र

कानपुर (उत्तर प्रदेश) – मध्य प्रदेश के दिंडोरी जिले के शहपुरा के निवासी मुसलमान युवक ने उसके ऊपर प्रविष्ट अपराध के विरुद्ध मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । इस याचिका में युवक ने सरकार पर आरोप लगाया कि एक हिन्दू लडकी को भगाकर लेजाने के कारण उसका घर गिराया गया था । सरकार ने इस पर उत्तर देते हुए स्पष्ट किया कि हिन्दू लडकी को भगाकर ले जाने के कारण नहीं, अपितु अतिक्रमण के कारण घर गिराया गया है ।

शहपुरा पुलिस ने ५ अप्रैल २०२२ को आसिफ के विरुद्ध अपहरण का अपराध प्रविष्ट किया था । इस प्रकरण में हिन्दू लडकी के परिवार द्वारा पुलिस में प्रविष्ट प्रतिवाद में आरोप लगाया गया था कि आसिफ हिन्दू लडकी को बलपूर्वक बस से उतारकर भगाकर ले गया । इसके अनुसार उसके ऊपर फौजदारी अपराध प्रविष्ट किया गया । इसके विरुद्ध आसिफ ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी । ‘सरकार ने मेरे पिता का घर और भाई की दुकान गिराई है’, याचिका में यह आरोप भी लगाया गया था ।

इस प्रकरण में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर उत्तर देने को कहा था । इस पर सरकार की ओर से न्यायालय ने बताया कि ‘युवक के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट होने के कारण उसके पिता का घर नहीं गिराया गया । अतिक्रमण के विषय में नियमानुसार उसके पिता को नोटिस भेजी गई थी । युवक के पिता ३० मार्च को समिति के सामने उपस्थित भी हुए थे । अतिक्रमण ध्यान में आने पर ६ अप्रैल को उसे गिराने का आदेश दिया था । अर्थात युवक पर परिवाद प्रविष्ट होने के पूर्व ही अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाही आरंभ कर दी गई थी ।’ (ऐसा है, तो झूठी याचिका प्रविष्ट कर न्यायालय का समय व्यर्थ करने के कारण याचिकाकर्ता पर कार्यवाही की जानी चाहिए, ऐसा जनता को लगता है ! – संपादक)