असम में हिन्दुओं को धर्मांतरित करने के लिए ईसाई मिशनरियों द्वारा पारंपरिक बिहू नृत्य एवं संगीत का उपयोग !

गुवाहाटी (असम) – चाय बागानों में काम करने वाले आर्थिक रूप से पिछडे नेपाली तथा आदिवासी हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर राज्य में ईसाई धर्मप्रचारकों द्वारा किए जाने वाले धर्मांतरण में वृद्धि हुई है । इसके लिए ईसाई धर्म प्रचारक पारंपरिक बिहू नृत्य के आधार पर स्थानीय लोगों को पथभ्रष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं । युवा पुरुषों एवं महिलाओं द्वारा एक साथ किया जाने वाला ‘बिहू’ नृत्य असम की मूल संस्कृति का प्रतीक माना जाता है । ईसाई धर्म प्रचारकों ने बिहू संगीत तथा गीतों की धुन पर यीशु की स्तुति करनेवाले गीतों की रचना की है । ईसाई धर्म प्रचारक बिहू गीतों में ईसा के नाम को सम्मिलित कर स्थानीय लोगों को आकर्षित करने का प्रयत्न कर रहे हैं ।

यीशु के महत्त्व पर बल देकर हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास !

उदलगुरी जिले में ‘नेपाली बैपटिस्ट क्रिश्चियन एसोसिएशन’ द्वारा बिहू महोत्सव का आयोजन किया गया था । स्थानीय लोगों ने यीशु द्वारा स्थानीय असमिया वाद्ययंत्र बजाने तथा उसकी धुन पर यीशु की प्रशंसा करने पर आपत्ति व्यक्त की थी । व्यावसायिक रूप से बिहू को चित्रित किया गया एवं यीशु की स्तुति करने वाले गीत अब यूट्यूब जैसे सामाजिक माध्यम पर साझा किए जा रहे हैं ।

 हिन्दू समर्थक कार्यकर्ताओं के विरोध करने पर भी धर्मांतरण की कार्यवाही जारी !

सोनापुर क्षेत्र में ईसाई धर्म प्रचारक बडी धन राशि बांटकर हिन्दुओं का धर्मांतरण कर रहे हैं । जो लोग पैसे लेने से मना कर देते हैं, उन्हें उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का प्रलोभन दिया जाता है । गत ३० वर्षों में सोनपुर क्षेत्र में गिरजाघरों की संख्या में प्रचंड वृद्धि हुई है । यद्यपि कुछ हिन्दू समर्थक संगठनों ने छल से हो रहे आदिवासी दरिद्र हिन्दुओं के धर्मांतरण के विरोध में आवाज उठाई है, किन्तु इस क्षेत्र में ईसाई धर्म प्रचारकों द्वारा बडी संख्या में धर्मांतरण किया जा रहा है । (भाजपा शासित राज्य में यह अपेक्षित नहीं ! – संपादक) 

संपादकीय भूमिका

  • षड्यंत्रकारी ईसाई, जो अपने धर्मांतरण के लिए हिन्दू संस्कृति एवं परंपराओं का उपयोग करते हैं ! ऐसे लोगों को नियंत्रण में लाने के लिए, संपूर्ण भारत में कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करना तथा ईसाई धर्म प्रचारकों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करना आवश्यक है !
  • भले ही हिन्दू समर्थक हिमंत बिस्वा सरमा असम में सत्ता में हैं, किन्तु ईसाई धर्म प्रचारकों को कोई भय नहीं है । इससे स्पष्ट होता है कि इसके पीछे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शक्तियां कार्यरत हैं । उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई होने पर ही उनकी हिन्दू विरोधी गतिविधियां रुकेंगी !