‘तीर्थयात्री कश्मीर मुद्दे में भाग नहीं लेते, तब तक तीर्थयात्रा सुरक्षित है !’

अमरनाथ यात्रा से पहले जिहादी आतंकी संगठन से मिला धमकी का पत्र

श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) – अमरनाथ यात्रा ३० जून से आरंभ हो रही है और ११ अगस्त को समाप्त होगी । इसी पृष्ठभूमि पर जिहादी आतंकवादी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। कहा जा रहा है, हम यात्रा के विरुद्ध नहीं हैं; परंतु तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक वे कश्मीर मुद्दे में सहभागी नहीं होते । वे (सरकार) अपनी गंदी राजनीति के लिए अमरनाथ यात्रा का इस्तेमाल करने जा रहे हैं । केवल १५ सहस्र से ८ लाख तीर्थयात्रियों का पंजीकरण और १५ से ८० दिनों की अवधि केवल कश्मीर की स्थिति की संवेदनशीलता को भडकाने के लिए है । हमने देखा है कि यह फासीवादी शासन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अमरनाथ यात्रा की आड में ला रहा है ।

४३ दिन की अमरनाथ यात्रा पर तीर्थयात्रियों की संख्या बढने की संभावना है । इस समय रामबन और चंदनवाडी में बडे शिविर होंगे । इसे देखते हुए कडी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी ।

संपादकीय भूमिका

कश्मीर के सन्दर्भ में तीर्थयात्रियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह निश्चित करनेवाले आतंकवादी कौन होते हैं ? कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और प्रत्येक हिन्दू को इस पर बोलने का अधिकार है !