भारतीय सेना अब केवल भारत में निर्मित शस्त्रास्त्र का उपयोग करेगी !

नई देहली : भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को विदेशी शस्त्रास्त्र  और अन्य उपकरणों से मुक्त करने का निर्णय किया है । अब भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाले प्रतिष्ठानों को भारत में ही उनका निर्माण करना होगा । वे भारत में बने रक्षा उत्पादों को दूसरे देशों में भी निर्यात कर सकते हैं । वर्तमान में, भारत के ६७ प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में निर्मित होते हैं, जबकि भारतीय नौसेना अपनी ९५ प्रतिशत आवश्यकताएं भारतीय उपकरणों से पूर्ण करती है ।

१. सरकार ‘वैश्विक क्रय’ श्रेणी को समाप्त करने के लिए अपनी रक्षा उपकरण क्रय नीति में बदलाव करेगी । इस श्रेणी के अंतर्गत विदेशी निर्मित उपकरणों का आयात किया जाता है । भारतीय वायु सेना लडाकू विमान, हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान और ड्रोन के घरेलू उत्पाद प्राप्त करने के लिए भी इच्छुक है ।

२. विदेशी निर्मित उपकरणों पर निर्भरता होने के कारण, देश के राजनीतिक विकल्प सीमित होने की संभावना रहती है । विश्व के बडे देश अपने ही देश में बने शस्त्रास्त्र उपयोग करते हैं । रूस की सेना ने ब्रह्मोस मिसाइल को भी उनके शस्त्रास्त्र में सम्मिलित नहीं किया है, जो भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम में निर्माण की है, क्योंकि, विदेशों में बने शस्त्रास्त्रों के उपयोग पर वहां पूर्ण रोक है ।