श्री राम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक की चेतावनी !
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बेंगलुरु (कर्नाटक) – “ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, मस्जिदों पर ध्वनि प्रक्षेपक लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । मस्जिद प्रबंधकों द्वारा विद्यालयों और चिकित्सालयों जैसी शांतता परिसरों में भी न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया जाता है । बेलगाम के तहसीलदार से प्रात: पांच बजे मस्जिद से ध्वनिक्षेपक द्वारा ध्वनि प्रदूषण करने पर रोक लगाने की मांग की है । प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने ध्वनि प्रदूषण करनेवाले दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है । हम प्रार्थना के विरुद्ध नहीं हैं, हम ध्वनिक्षेपकों के विरुद्ध हैं । अत: मस्जिदों से यदि ध्वनिक्षेपक नहीं हटाए गए तो हम प्रात: ध्वनिक्षेपकों पर भजन लगाएंगे”, श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक ने ऐसी चेतावनी कर्नाटक सरकार को दी है । “इस संबंध में पहले भी मांगें की गई थीं, किंन्तु उस पर ध्यान नहीं दिया गया । अत: मस्जिदों के प्रबंधकों को इसकी सूचना दी जानी चाहिए और ध्वनिक्षेपकों के उपयोग से बचना चाहिए ।”
बजरंग दल के सदस्य भरत शेट्टी के अनुसार, मस्जिद में ध्वनिक्षेपक लगाने के विरुद्ध आंदोलन बेंगलुरु के अंजनेय मंदिर से आरंभ होगा और तदनंतर संपूर्ण राज्य को व्यापेगा ।
In a video message, Sriram Sena convener Pramod Muthalik said the Hindu outfits have been demanding that the loudspeakers on mosques should be banned and the Supreme Court's order on noise pollution implemented. https://t.co/RhPFle2Kzz
— The Bridge Initiative (@bridgeinit) April 5, 2022
कर्नाटक के मंदिरों में प्रात: नामजप प्रारंभ करने का अभियान चलाया जाएगा ! – काली मठ के पुजारी योगेश्वर ऋषि कुमार स्वामी
काली मठ के पुजारी योगेश्वर ऋषि कुमार स्वामी ने कहा कि, “प्रदेश के सभी मंदिरों में प्रात:काल में नामस्मरण व श्लोक पठण का अभियान चलाया जाएगा । उन्हें कुछ सप्ताह पूर्व, एक मस्जिद को गिराने का आह्वान करने के आरोप में बंदी बनाया गया था ।”
मुसलमानों को विश्वास में लेकर इसका समाधान निकल सकता है ! – राज्य मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा
कर्नाटक के मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने भी इस मांग का समर्थन किया है । उन्होंने कहा, “इस समस्या का समाधान मुसलमानों को विश्वास में लेकर निकाला जा सकता है । रोगी एवं विद्यार्थियों को होनेवाले कष्ट को देखते हुए इसका समाधान अनिवार्य है । महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मांग की थी कि, मस्जिदों से ध्वनिक्षेपक हटाए जाएं, अन्यथा ध्वनिक्षेपक पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे । रास्ते पर आकर आंदोलन करने की ऐसे टकराव की भाषा का प्रयोग दोनों समुदायों के बीच संघर्ष का कारण बन सकता है, इसलिए यदि मुसलमान केवल मस्जिदों में ध्वनिक्षेपक का उपयोग करते हैं, तो इससे दूसरे नागरिकों को कोई कष्ट नहीं होगा ।”
चाहे वह उच्चतम न्यायालय का ही निर्णय ही क्यों न हो, तब भी सभी को इसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता ! – मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई
Karnataka CM Basavaraj Bommai Says ‘Mosque Loudspeakers Won’t Be Removed Forcefully’https://t.co/cjHGuiMCFF#Karnataka #BasavarajBommai #Loudspeakers #Mosque @BSBommai @BJP4India
— LatestLY (@latestly) April 5, 2022
ध्वनिक्षेपकों के संबंध में, उच्च न्यायालय का आदेश है ; किंतु, लोगों को इसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता । संबंधितों से चर्चा कर उन्हें समझाया जाएगा । यह केवल अजान के संबंध में नहीं है, अपितु सभी स्थान के ध्वनिक्षेपकों के संबंध में है । अत: हम शीघ्र ही इस पर निर्णय लेंगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा ।