|
बेंगलुरु (कर्नाटक) – हिजाब पहनी छात्राओं को परीक्षा की अनुमति देनेवाले, गदग जिले के ७ शिक्षकों को निलम्बित किया गया । एस्.यु. हेक्कलड, एस्.एम्. पत्तर, एस्.जी. गोडके, एस्.एस्. गुजामगडी, वी.एन्. किवूदार, के.बी. भजन्त्री एवं बी.एस्. होनागुडी उनके नाम हैं । उनका अन्वेषण करने का निर्देश दिया गया है । यह प्रकरण २८ मार्च का है । इसका विडिओ प्रसारित होने पर, सम्बन्धित शिक्षकों पर यह कारवाई की गई । ‘श्रीराम सेना’, इस हिन्दुत्ववादी संगठन ने भी इन शिक्षकों के विरुद्ध कारवाई की मांग की थी ।
7 teachers suspended for allowing hijab wearing students to write exams in Karnataka https://t.co/vd09oMjP3A
— Hindustan Times (@HindustanTimes) March 31, 2022
इस घटना के सन्दर्भ में, राज्य के शालेय शिक्षा मन्त्री बी.सी. नागेश ने पत्रकारों को बताया कि, “सरकार ने उच्च न्यायालय के अधिनियम एवं निर्णय के अनुसार, राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थाओं को हिजाब सम्बन्धित निर्देश दिए हैं । जो सरकारी अधिकारी इस निर्णय का पालन नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध कारवाई की जाएगी ।” इस कारण, उन शिक्षकों पर कारवाई की गई ।
उडुपी जिले कि ४० धर्मांध छात्राओं का परीक्षा पर बहिष्कार !
श्रद्धालु हिन्दुओं को पिछडा बोलकर, उनके विरुद्ध उल्टा-सीधा बोलनेवाले पुरो (अधो) गामी, कांग्रेसी एवं हिन्दू-द्वेषी प्रसार यन्त्रणा, मात्र हिजाब प्रकरण में धर्मांध छात्राओं के पक्ष में हैं ; यह ध्यान रखें । हिजाब प्रकरण में, परीक्षा पर बहिष्कार करना, यह उनको पिछडापन नहीं लगता क्या ? – संपादक
दूसरी ओर, उडुपी जिले में ४० धर्मांध छात्राओं को हिजाब परिधान करने से रोकने के कारण, उन्होंने २९ मार्च को १२ वी की परीक्षा न देने का निर्णय लिया । इसमें कुंडापूर के २४, बिंदूर के १४ व ‘उडुपी सरकारी कन्या पी.यू. कालेज’ के २ छात्राएं सम्मिलित हैं । उच्च न्यायालय ने दो सप्ताह पूर्व निर्णय में बताया था कि, ‘हिजाब, यह इस्लाम की अनिवार्य प्रथा न होने के कारण, शैक्षणिक संस्थाओं में उसपर बंदी रहेगी ।”
बागलकोट जिले में भी कुछ धर्मांध छात्राओं द्वारा परीक्षा का बहिष्कार !
इसी प्रकार, बागलकोट जिले के इलकल क्षेत्र में हिजाब परिधान किए कुछ धर्मांध छात्राओं को परीक्षा की अनुमति न मिलने पर, उन्होंने भी परीक्षा से हिजाब महत्व का मानकर परीक्षा का बहिष्कार किया ।
एक हिजाब प्रेमी शिक्षिका भी निष्काषित !
बेंगलुरु में २८ मार्च को १० वी के बोर्ड परीक्षा के लिए हिजाब परिधान कर गई शिक्षिका नूर फातिमा को निष्कासित करने की घटना भी हुई ।
अधिकांश मुसलमान छात्राओं द्वारा हिजाब को परीक्षा से प्राथमिकता !
ऐसी कुछ घटना छोडकर, अधिकांश मुसलमान छात्राओं ने हिजाब को परीक्षा से प्राथमिकता दी । (अधिकांश मुसलमान छात्राओं द्वारा परीक्षा को प्राथमिकता देना, यह दर्शाता है कि हिजाब प्रकरण का हौवा बनाया जा रहा है ! – संपादक)