तमिलनाडू सरकार द्वारा वानियार समाज को दिया हुआ आरक्षण सर्वाेच्च न्यायालय ने किया अमान्य !

संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने केवल १० वर्षाें के लिए आरक्षण की सूचना दी थी । तब भी अब तक आरक्षण क्यों दिया जा रहा है, सर्वदलीय शासनकर्ता इसका उत्तर दें ! – संपादक 

नई देहली – तमिलनाडू सरकार द्वारा यहां के वानियार समाज को निर्धारित ओबीसी में से १०.५ प्रतिशत आरक्षण दिया गया था । सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय अमान्य कर दिया है । कहा जाता है कि इस निर्णय के कारण पूरे देश के विभिन्न राज्यों में ओबीसी आरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर परिणाम होगा । पहले सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई थी । उच्च न्यायालय ने भी तमिलनाडू सरकार का आदेश अमान्य किया था । उसे सर्वाेच्च न्यायालय में आवाहन दिया गया । अब सर्वाेच्च न्यायालय ने भी उच्च न्यायालय द्वारा दिए निर्णय को मान्य किया है ।

न्यायालय ने कहा है कि किसी भी सूचना एवं डेटा के आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया । वानियार समाज को दिए गए आरक्षण के संदर्भ में कोई विवरण नहीं है । वानियार समाज के पिछडी जाति का होने के संदर्भ में समिति ने भी कोई उल्लेख नहीं किया है ।