इसके लिए सरकार को त्वरित कदम उठाने चाहिए, ऐसी जनता की अपेक्षा है ! – संपादक
शिमला (हिमाचल प्रदेश) – संस्कृत यह प्राचीन भाषा और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है । भारत द्वारा विश्व को दी यह सबसे बडी देन है । संस्कृत भाषा यह साहित्य का महासागर है । देवभाषा संस्कृत यह वेद, शास्त्र, काव्य और अनेक ज्ञानरुपी मोतियों का स्रोत है । संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए और उसका प्रचार करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक कार्यक्रम में किया । वे यहां के ‘संस्कृत भारती’ के ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम में बोल रहे थे । ‘राज्य सरकार संस्कृत पढाने वाले शिक्षकों की मांगों के विषय में सहानुभूति से विचार करेगी’, ऐसा आश्वासन भी उन्होंने इस समय दिया ।
‘Dev Vani’ Sanskrit more important for ‘Dev Bhoomi’ Himachal: Jai Ram Thakur https://t.co/MaybfkyzuW
— HJS Mumbai (@HJSMumbai) February 28, 2022
शिक्षामंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस समय कहा कि, राज्य सरकार संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए कटिबद्ध है । इसके लिए सरकार ने संस्कृत को द्वितीय राज्यभाषा का दर्जा दिया है । सरकारी विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की भरती की जा रही है । इससे विद्यार्थी संस्कृत सीख सकेंगे ।