भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर स्थित ईदगाह मस्जिद में नमाज पठन पर रोक लगाएं !

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष द्वारा मथुरा न्यायालय में याचिका !

मुसलमान आक्रमकों द्वारा अधिकृत किए गए धार्मिक स्थल मुक्त कराने के लिए, हिन्दुओं को कानूनी संघर्ष क्यों करना पडता है ? ऐसे सभी मंदिरों को ‘मुक्त’ करने के लिए सरकार कदम क्यों नहीं उठाती ? – संपादक

मथुरा (उत्तर प्रदेश) – यहां के न्यायालय में, भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर स्थित ईदगाह मस्जिद में नमाज पठन के विरुद्ध याचिका प्रविष्ट की गई है । साथ ही, यह मांग भी की गई है कि, मस्जिद से सटे रास्ते पर भी नमाज पठन करने पर रोक लगाई जाए । (न्यायालय में जाकर, रास्ते पर नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग क्यों करनी पडती है ? क्या पुलिस एवं प्रशासन को यह दिखाई नहीं देता है ? क्या वो अंधे हैं ? राज्य में भाजपा की सरकार होते हुए भी ऐसा होना, हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं है ! – संपादक) यह याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रविष्ट की है । प्रकरण की सुनवाई ५ जनवरी २०२२ को होने की संभावना है ।

१. याचिका में कहा गया है कि, ‘कुरान के अनुसार, विवादित भूमि पर नमाज पठन करना वर्जित है । इस मस्जिद में ५ बार नमाज पठन करना गत कुछ समय से ही आरंभ हुआ है एवं यह अवैध है । इसके पूर्व, इस मस्जिद में नमाज पठन नहीं होता था । अब रास्तों पर भी नमाज पठन किया जा रहा है । यह सामाजिक सद्भाव बिगाडने का षड्यंत्र है ।’

२. याचिका में १९२० के न्यायालय के एक प्रकरण का संदर्भ दिया गया है । इसमें न्यायालय ने कहा था कि, ‘ईदगाह मस्जिद की भूमि हिन्दुओं की है ।’ याचिका में यह भी कहा गया है कि, ‘इस ईदगाह मस्जिद की दीवारों पर अभी भी हिन्दुओं के धार्मिक चिन्ह जैसे ॐ, शेषनाग, स्वास्तिक आदि बने हुए हैं ।’

३. इस प्रकरण में, जून माह में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया था । तदनुसार, इस मस्जिद को दूसरे स्थान पर बडी भूमि देने के लिए कहा गया था । यह भी कहा गया था कि, वर्तमान मस्जिद मुसलमानों ने ही गिरा कर वह भूमि हिन्दुओं को देनी चाहिए ।