‘इस्रो’ का ‘ओप्पो’ इस चीनी कंपनी के साथ करार !

  • (इस्रो : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, अर्थात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन)

  • शिवसेना और काँग्रेस की ओर से टिप्पणी, तो सोशल मीडया के माध्यम से भी प्रश्न पूछे गए ’

वर्तमान में भारत का पहले क्रमांक पर स्थित शत्रु देश की कंपनी से ‘इस्रो’ जैसी महत्वपूर्ण संस्था ने करार करना, यह भारतीयों को अपेक्षित नहीं । इस विषय में भारत सरकार को जनता को जानकारी देनी चाहिए ! – संपादक

नई दिल्ली – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने (‘इस्रो’) इस चीनी कंपनी की भारतीय शाखा ‘ओप्पो इंडिया’ से समझौता किया है । इस कारण सभी स्तरों पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है । सोशल मीडिया पर भी इस समझौते पर टिप्पणियां हो रही हैं । इस समझौते को ‘बडी गलती’ ऐसा कहा जा रहा है । इस समझौते के विषय में इस्रो की ओर से अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई है, तो भी ओप्पो की ओर से जानकारी दी गई है । ओप्पो ने कहा है, ‘आत्मनिर्भर भारत के’ विचारों को सहायता करने के लिए ओप्पो ने इस्रो से समझौता किया है । इसके अंतर्गत ‘नाविक संदेश सेवा’ का संशोधन और विकास अधिक अच्छा करने के लिए काम किया जाएगा ।’इस्रो द्वारा ‘नाविक सिस्टम’ विकसित की हुई कार्यप्रणाली है । इसके द्वारा संदेश भेजे जाते हैं । इसका विस्तार डेढ सहस्र किलोमीटर तक है ।

१. शिवसेना के राज्यसभा के सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा है, ‘इस कारण मैं बहुत आर्श्चयचकित हो गया हूं । एक ओर हम सीमा पर चीन से लड रहे हैं, साथ ही भारतीय बाजार में चीन का वर्चस्व दूर करने का प्रयास करते समय भारत के एक सशक्त संगठन (इस्रो) राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय के खतरों से अनभिज्ञ है ।’

२. काँग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी ट्वीट कर कहा, ‘एक ओर चीन अवैध ढंग से हमारी भूमि पर नियंत्रण कर रहा है, तो दूसरी ओर ‘इस्रो’ चीन की मोबाइल बनाने वाली ओप्पो कंपनी से समझौता कर रहा है ।‘