(कहते हैं) ‘बांग्लादेश में कुरान का अपमान करने वालों का सिर काट देना चाहिए !’

बंगाल के विवादित फुरफुरा मस्जिद के मौलवी पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का फतवा !

ध्यान रखें, कि बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ऐसे मौलानाओं के विरुद्ध कभी भी कार्यवाही नहीं करेगी ! बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन गया है, इसलिए, कल वहां भी हिन्दुओं एवं उनके मंदिरों पर आक्रमण आरंभ हो गए, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! – संपादक

फुरफुरा मस्जिद के मौलवी पीरजादा अब्बास सिद्दीकी

कोलकाता (बंगाल) – बांग्लादेश में, श्री दुर्गा देवी के पूजा मंडप में भगवान हनुमान की मूर्ति के पैर के पास कुरान रखने वालों तथा वहां हनुमान चालीसा का पाठ करने वालों का सिर काट दिया जाना चाहिए ; ऐसा फतवा बंगाल के फुरफुरा शरीफ मस्जिद के मौलवी एवं ‘भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चे’ के संस्थापक पीरजादा अब्बास सिद्दीकी द्वारा जारी किया गया है ।वे  २४ परगना जनपद में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे । इस वक्तव्य का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हो गया है । भाजपा के नेता तरुण ज्योति तिवारी ने इस संदर्भ में कोलकाता के पुलिस को शिकायत प्रविष्ट की है ।

अब्बास सिद्दीकी ने आगे कहा कि,

१. यदि लोगों को लगता है, कि उन्हें कुरान का अपमान करने का अधिकार है, तो मैं कहता हूं कि मुझे भी उनका सिर काटने का अधिकार है ।

२. मुसलमान युवकों का दुर्गा पूजा में सम्मिलित होना अनुचित है । मुझे याद है, कुछ वर्ष पूर्व दुर्गा पूजा के मंडप में काबा (मुसलमानों का धार्मिक क्षेत्र) जैसा दृश्य बनाया गया था । यदि वे काबा से इतना ही प्रेम करते हैं, तो वे इस्लाम को स्वीकार क्यों नहीं करते ? ( हिन्दू अपने धार्मिक त्योहारों में सर्वधर्म समभाव दिखाने का जो हास्यास्पद प्रयास करते हैं, उसकी ओर धर्मांध कैसे देखते हैं ; क्या यह बात हिन्दुओं को अब तो ध्यान में आएगी और वे इस प्रकार के प्रयास बंद कर देंगे ? – संपादक)

सिद्दीकी ने इसके पूर्व वक्तव्य दिया था कि, ‘भारत में ५० करोड लोगों की मृत्यु विषाणु से होनी चाहिए !’

अब्बास सिद्दीकी ने भी कोरोना के काल में भी आपत्तिजनक वक्तव्य दिया था । उन्होंने कहा था, “अल्लाह मेरी प्रार्थना स्वीकार करें एवं भारत में ऐसा विषाणु फैलाएं जिससे ५० करोड लोगों की मृत्यु हो ।” (यदि इस वक्तव्य पर अब्बास के विरुद्ध उसी समय कठोर कार्यवाही की जाती, तो वो अब इस प्रकार का वक्तव्य देने का साहस वे नहीं करते । अब भी, तृणमूल कांग्रेस के राज्य में, पुलिस द्वारा उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की संभावना अति अल्प ही है । यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र की स्थापना को अनिवार्य बनाती है ! – संपादक )