एक राज्य में यदि ऐसा संभव है, तो केंद्र सरकार को देश में इस प्रकार का सर्वेक्षण कर हिन्दुओं का धर्मांतरण करने वाले ईसाइयों को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !– संपादक
बंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक सरकार के पिछड़े और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अधिकृत और गैर अधिकृत ईसाई धर्मप्रचारकों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है । १३ अक्टूबर को हुई विभाग की बैठक में सर्वेक्षण का निर्णय लिया गया । विधायक गुलीहट्टी शेखर, पुत्तरंगा सेट्टी, बी.एम. फारूक, विरुपक्षप्पा बेल्लारी, अशोक नाइक और अन्य नेता इसमें सहभागी हुए और चर्चा की । इसमें ईसाई धर्मप्रचारकों को सरकार से मिलने वाले सुविधा और उनके रजिस्ट्रेशन के विषय में चर्चा की गई । इस समय धर्मप्रचारकों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं वापस लेने का मत रखा गया । भाजपा विधायक गुलीहट्टी शेखर ने इस समय कहा कि, राज्य में ४० प्रतिशत चर्च अवैध हैं । (इतनी अधिक मात्रा में अवैध चर्च बनाए जाते समय सरकारी तंत्र सोया था क्या ? – संपादक)
Karnataka: Govt to survey official and non-official Christian missionaries, takes first step to curb illegal conversionshttps://t.co/rjsbtZolxT
— OpIndia.com (@OpIndia_com) October 15, 2021
१. शेखर ने विधानसभा के वर्षाकालीन अधिवेशन में धर्मांतरण के विषय में सूत्र रखे थे । उनकी स्वयं की मां का भी ईसाई धर्मप्रचारकों द्वारा धर्मांतरण करने की जानकारी उन्होंने विधानसभा में दी थी । उनकी तहसील में २० से २५ सहस्र हिन्दुओं का बलपूर्वक धर्मांतरण करने के विषय में भी उन्होंने बताया था ।
२. राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसके पहले ही धर्मांतरण के विषय में कहा है कि, सरकार बलपूर्वक धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाएगी । इसके लिए देश के विविध राज्यों में इस विषय में बनाए कानूनों का अभ्यास किया जा रहा है । इसके बाद राज्य में इस प्रकार का कानून बनाकर उसे लागू किया जाएगा ।