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देहरादून (उत्तराखंड) – हिन्दू परिवार स्वयं के बच्चों को धर्म का अभिमान रखने के लिए आवश्यक परंपरा और मूल्यों की शिक्षा नहीं देते हैं, ऐसा विधान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने यहां एक कार्यक्रम में किया ।
How does conversion happen? How do our girls & boys convert to other religions? For small selfish reasons, for marriage. It’s another matter that those doing it are wrong. We don't prepare our children. We need to instill pride in ourself & our religion in them: RSS chief (10.10) pic.twitter.com/2aweGak2fv
— ANI (@ANI) October 11, 2021
संघ प्रमुख ने रखे सूत्र
हिन्दू बच्चे विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करते हैं, यह बडी गलती !
धर्म परिवर्तन कैसे होता है ? हमारे देश के लडके-लडकियां अन्य धर्मों में कैसे जाते हैं ? छोटे स्वार्थ के लिए अथवा विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन करना गलत है ।
‘ओटीटी’ मंच पर बच्चे क्या देखते हैं, इस ओर ध्यान दें !
‘ओटीटी’ मंचपर सभी कुछ देखने मिलता है । मीडिया में जो आ रहा है, वह बच्चों के लिए और अपने मूल्यों की व्यवस्था को संजोए रखने के लिए नहीं होता है । हमें ही बच्चों को घर में क्या देखना चाहिए और क्या नहीं, यह सिखाने की आवश्यकता है । (‘ओटीटी’ अर्थात ‘ओवर द टॉप’ ! कंपनियों ने सीधे इंटरनेट के माध्यम से दर्शकों को दी जाने वाली सेव अर्थात ‘ओटीटी’ ऐसा कह सकते हैं । ‘ओटीटी’ द्वारा दर्शक चित्रपट, वेब सिरीज आदि मनोरंजनात्मक कार्यक्रम देख सकते हैं । विविध कार्यक्रमों से अश्लीलता, साथ ही हिंसा आदि पर किसी भी सरकारी तंत्र के नियंत्रण के बिना प्रक्षेपण किया जाता है । संक्षेप में इन कार्यक्रमों पर नियमन करने के लिए अभी तक काई भी सरकारी व्यवस्था अथवा नियम नहीं बनाए गए हैं ।)
विदेशों के कारण देश में नशीले पदार्थों के मामले बढ रहे हैं !
लोगों को अपना गुलाम बनाने के लिए पश्चिमी देशों ने चीन में अफीम भेजा । युवा पीढी उसमें फंस गई और पश्चिमी देशों ने उस पर राज्य किया । अपने देश में भी यही चल रहा है । नशीले पदार्थों के मामले देखे और यह पदार्थ कहां से आते हैं, इसका ब्यौरा लेने पर उसके पीछे का कारण और उद्देश्य, साथ ही इसका लाभ किसे होता है, यह आपको समझ में आएगा ।
हिन्दू के संगठित होने के लिए महिलाओं की आवश्यकता !
हिन्दू समाज को संगठित करना, यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्य उद्देश्य है; लेकिन जब हम संघ के कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तब हमें केवल पुरूष ही दिखते हैं । यदि संपूर्ण समाज को संगठित करना है, तो इसमें ५० प्रतिशत महिलाएं होनी चाहिए ।
अपनी मिट्टी से हमेशा जुड कर रहना चाहिए !
हिन्दू परिवारों को भाषा, भोजन, भजन, भ्रमण वस्त्र और भवन इन बातों के माध्यम से अपनी मिट्टी से जुडे़ रहना चाहिए । अपनी जडों को अधिक मजबूत करना चाहिए ।