यदि ऐसा है, तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड संपूर्ण देश के लिए कानून बनाने की मांग क्यों नहीं करते ? – संपादक
लक्ष्मणपुरी (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना (इस्लामी अध्ययनकर्ता) खालिद राशिद फिरंगी महली ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है ।
The Allahabad HC observed that no one could be given the right to kill a cow, how old the cattle may be, and said that the cow should be declared a national animal.@Namita_TNIE https://t.co/jk8FwoIrUx
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) September 1, 2021
मौलाना महली ने कहा, कि हिन्दू भाइयों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए । इससे देश में एकता एवं शांति बनी रहेगी । न्यायालय ने कहा, ‘मुगल काल में भी गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था ।’ बाबर ने अपने पुत्र हुमायूं को हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करने एवं गोहत्या की अनुमति कभी भी न देने का परामर्श दिया था । हुमायूं के पश्चात, प्रत्येक मुगल शासक ने इसका पालन किया । मुगल सभी धर्मों एवं उनके विधियों का सम्मान करते थे । यही कारण है, कि उस समय कोई धार्मिक युद्ध नहीं हुआ था । स्वतंत्रता संग्राम के समय, लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) के मौलाना बारी ने बकरी ईद के समय गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाला फतवा जारी किया था । देश में आज भी कोई मौलवी गोहत्या के पक्ष में नहीं है ।