बांगलादेश के खुलना जिले में सैकडों धर्मांधों की ओर से हिन्दुओं के १० मंदिरों पर आक्रमण और देवताओं की मूर्तियों की तोडफोड की !

  • ४ छोटे और ६ बडे मंदिरों पर आक्रमण !

  • हिन्दुओं के ५६ घर और अनेक दुकानें लूटीं !

  • इस्लामी देश में अल्पसंख्यक हिन्दू और उनके श्रद्धास्थानों पर नियमित होने वाले आक्रमण भारत के हिन्दू और सभी पार्टी की सरकारों के लिए लज्जास्पद ! ऐसे आक्रमण रोकने के लिए भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना अपरिहार्य है, यह ध्यान में लें ! – संपादक

  • जिहादी पाक और बांगलादेश से पलायनकर आए हिन्दुओं को नागरिकता देने के विरोध में चिल्लाने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब चुप क्यों हैं । भारतीय मुसलमानों के विरोध में थोडा़ भी कुछ हुआ, तो उनके धर्म वालों से धर्मनिरपेक्ष राजनेता, आधुनिकतावादियों को भारत के हिन्दुओं को जवाब मांगना चाहिए ! – संपादक

  • भारतीय अल्पसंख्यकों पर आक्रमण करने का नाटक कर उसका राजनीतिकरण करने वाले राजनीतिक पार्टियों के षडयंत्र को बढावा देकर नियमित समाचार प्रस्तुत करने वाले भारतीय चैनल इस्लामी देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर होने वाले आक्रमण की घटनाओं की ‘ब्रेकिंग न्यूज’ तो छोडिए; साधारण सूचना भी नही देते हैं ! हिन्दुओं, ऐसे चैनलों पर नकेल कसने के लिए उनका बहिष्कार करें ! – संपादक

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

ढाका (बांगलादेश) – यहां के खुलना जिले के शियाली गांव में सैकडों धर्मांध ७ अगस्त की दोपहर में एकत्र हुए । उन्होने गांव के हिन्दुओं के १० मंदिरों पर आक्रमण करते हुए वहां तोड़फोड़ की । इसमें ४ बडे और ६ छोटे मंदिरों का समावेश है । स्थानीय हिन्दुओं द्वारा दी जानकारी के अनुसार धर्मांधों ने गोविंद मंदिर, शियाली पूर्वपारा हरि मंदिर, शियाली पूर्वपारा दुर्गा मंदिर, शियाली महान मंदिर के देवताओं की मूर्तियों का अपमान किया । इसके बाद धर्मांधों ने हिन्दुओं के ५६ घर और दुकानों पर आक्रमण कर लूटपाट की । धर्मांधोंं ने हिन्दुओं पर धारदार हथियारों से आक्रमण कर उन्हें घायल कर दिया । वहां की गायों और अन्य प्राणियों को भी अपने साथ ले गए । इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक घटना स्थल पर गए । अभी गांव में बडी़ मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है ।

१. स्थानीय गांववासी और पूजा परिषद के नेता ने दी जानकारी के अनुसार ६ अगस्त की रात ९ बजे स्थानीय हिन्दू महिलाएं कीर्तन करने के लिए ‘हरे कृष्ण’ कहते हुए जा रही थी । एक मस्जिद के पास आने पर वहां के इमाम ने उन्हे डांटा और नामजप करने से मना किया । तब उनमें विवाद हुआ । दूरसे दिन दोनों गुटों में मामला सुलझाने के लिए पुलिस थाने में एकसाथ जमा होने का तय हुआ ।

२. लेकिन दूसरे दिन पास के चांदपुर गांव में सैकडो़ं धर्मांध हंसिया, कुल्हाडी, चाकू इत्यादि धारदार शस्त्र लेकर शियाली गांव में घुसे और मंदिरों पर आक्रमण किया, साथ ही हिन्दुओं के घर और दुकानें लूटीं ।

पुलिस ने धर्मांधों का पीछा करने के लिए हिन्दुओं को रोका !

इस्लामी राष्ट्र बांगलादेश की पुलिस से और क्या अपेक्षा करेंगे ? – संपादक

रूपशा थाना पूजोत्सव परिषद के अध्यक्ष शक्तिपाद बसु द्वारा दी जानकारी के अनुसार हिन्दुओं ने पुलिस को आक्रमणकारी धर्मांधों का पीछा करने का आग्रह किया; परंतु पुलिस ने उन्हें मना कर दिया । इस कारण हिन्दू स्वयं ही धर्मांधों को पकडने के लिए जाने लगे, तो भी पूलिस ने उन्हें रोका और प्रतिकार करने से मना किया ।