परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
जैसे जो डॉक्टर ना हो वह रोगी पर उपाय करे; उसी प्रकार राष्ट्र और धर्म के प्रति प्रेम रहित जनता को, राष्ट्र और धर्म के प्रति प्रेम रहित राजनीतिक दलों को चुनने का अधिकार देने के कारण सभी क्षेत्रों में देश की दयनीय स्थिति हो गई है !’
– (परात्पर गुरु) डॉक्टर आठवले