धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की हत्या ही है ! – सगे संबंधियों का आरोप

  • झारखंड में दिनदहाड़े न्यायाधीश की हत्या हाेना, यह पुलिस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए लज्जास्पद !
  • जिस राज्य में न्यायाधीश सुरक्षित नहीं, वहां क्या आम जनता कभी सुरक्षित रह सकती है ?

धनबाद (झारखंड) – प्रात:काल में घूमने निकले धनबाद जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की गई है, ऎसा आरोप उनके सगे संबंधियों ने लगाया है। बताया जाता है क २८ जुलाई को उन्हें एक टम-टम तिपहिया रिक्शा ने पीछे से आकर टक्कर मारी थी । यह दुर्घटना थी या हत्या, यह स्पष्ट नहीं था; यद्यपि घटना का सी.सी.टीवी. फुटेज देखने के उपरांत पुलिस के प्रारंभिक अन्वेषण के अनुसार आनंद को जानबूझकर रिक्शा से टक्कर मार कर, उनके सिर पर हथौड़े से प्रहार किया गया था । जिस रिक्षा ने टक्कर मारी उसका पता लगाने पर यह सामने आया कि वह एक दिन पहले चोरी हो गई थी । सरकार ने कहा है कि घटना की जांच विशेष अन्वेषण दल द्वारा की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में २ आरोपियों को बंदी कृत किया  गया है । उनके सगे संबंधियों ने कहा कि इससे पहले भी न्यायाधीश को जान से मारने करने की धमकी मिली थी ।

१. न्यायाधीश उत्तम आनंद रिक्शा द्वारा टक्कर लगने के उपरांत बहुत देर तक सडक के किनारे खून से लथपथ पडे रहे । उन्हें एक पथिक द्वारा चिकित्सालय में ले जाया गया, परन्तु उपचार काल में ही उनकी मृत्यु हो गई ।

२. न्यायाधीश आनंद न्यायालय मे रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे । इस प्रकरण में तीन दिन पूर्व ही आनंद ने उत्तर प्रदेश के गुंडे अभिनव सिंह और होटवार कारागार (जेल) में बंद अमन सिंह के साथी रवि ठाकुर एवं आनंद वर्मा की जमानत याचिका निरस्त कर दी थी । आनंद कतरास के राजेश गुप्ता के घर में हुए बम विस्फोट जैसे अतिमहत्त्वपूर्ण प्रकरण की भी सुनवाई कर रहे थे ।

पुलिस जांच में विफल हुई, तो हम जांच सीबीआई को सौंप देंगे! – झारखंड उच्च न्यायालय

न्यायाधीश  उत्तम आनंद की मृत्यु के प्रकरण में झारखंड उच्च न्यायालय ने ‘स्वत: संज्ञान(सुऒ मोटो)’  याचिका प्रविष्ट कर उस पर सुनवाई की । न्यायालय ने पुलिस से कहा कि, राज्य में क्या चल रहा है? पुलिस अन्वेषण में असफल हुइ, ताे  सीबीआई जांच करेगी । इस पर पुलिस महासंचालक (डी.जी.पी.) ने न्यायालय को आश्वासन देते हुए कहा कि इस प्रकरण की जांच करने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है । आरोपियों को पकड कर बंदी बनाया जाए एवं दंडित किया जाए इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे । इस पर न्यायालय ने सरकार से भी घटना पर स्पष्टीकरण देने को कहा है ।

‘पुलिस कंट्रोल रूम का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक कैसे हुआ ? सामाजिक माध्यमाें (सोशल मीडिया) पर यह प्रसारित  कैसे हुआ ?’ इन सूत्राें पर न्यायालय ने पुलिस महासंचालक से स्पष्टीकरण भी मांगा है ।