हिन्दुआें का श्रीलंका में सब से बडा मंदिर -मुन्नीश्‍वरम् मंदिर !

श्रीराम तोंडीश्‍वरम्, कोनेश्‍वरम्, नगुलेश्‍वरम्, केतीश्‍वरम् होकर हम मुन्नीश्‍वरम् क्षेत्र आते हैं । मुन्नीश्‍वरम् गांव श्रीलंका के पुत्तलम् जिले में है । तमिल भाषा में मुन्न अर्थात आदि एवं ईश्‍वर अर्थात शिव । जो श्रीराम आने के पहले से यहां था वह है मुन्नीश्‍वरम् । इस गांव में तमिल हिन्दू एवं सिंहली भाषा बोलनेवाले बौद्धों की संख्या समान है । वर्ष १५७८ में पुर्तगालियों ने मुन्नीश्‍वरम् मंदिर पर आक्रमण किया । उन्होंने मुन्नीश्‍वरम् मंदिर का परिसर ही नष्ट किया; परंतु मंदिर की नींव वैसे ही रखी । पुर्तगालियों ने मंदिर के नींव पर चर्च खडा किया । ईसाई धर्म का प्रसार आरंभ किया और वर्ष १६४० तक मुन्नीश्‍वरम् गांव के लोगों को ईसाई बनाया । पुर्तगालियों के मंदिर पर आक्रमण करने से पहले ही ईश्‍वर की कृपा से मंदिर के पुजारियों ने मंदिर का शिवलिंग एवं अन्य देवताआें की मूर्तियां वहां से हटाई थीं । वर्ष १७५३ में कैंडी के सिंहल राजा कीर्तीश्री राजसिंघे ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण एवं कुंभाभिषेक भी किया । उस राजा ने मंदिर के नाम पर भूमि दान कर प्रतिदिन मंदिर के देवताआें के पूजन की सुविधा की थी, ऐसा उल्लेख पाया जाता है ।

-श्री.विनायक शानभाग, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.(२६.६.२०१८)