महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने ३०० मुस्लिम कर्मचारियों को हटाकर मंदिर की सात्त्विकता बनाए रखने की मांग रखी !

अहिल्यानगर – कोटि-कोटि हिन्दुओं के श्रद्धास्थान श्री शनिशिंगणापुर मंदिर के पवित्र चबूतरे पर २१ मई को मुस्लिम कर्मचारियों द्वारा ‘ग्रिल’ लगाने का काम किया गया । यह घटना अत्यंत चौंकाने वाली होते हुए मंदिर की सात्त्विकता एवं धार्मिक परंपरा का उल्लंघन करने वाली भी है । स्थानीय ग्रामीण इससे संतप्त हैं । महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने इस घटना का तीव्र निषेध किया है एवं महासंघ के राष्ट्रीय संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा कि संबंधित मुस्लिम कर्मचारियों का काम तत्काल रोका जाना चाहिए । यहां कार्यरत ३०० मुस्लिम कर्मचारियों को हटाया जाना चाहिए, वैसे ही उन्हें प्रवेश देने वाले उत्तरदायी अधिकारियों की गहन जांच कर उन पर कठोर कार्यवाही की जाए, अन्यथा पूरे राज्य में तीव्र जन-आंदोलन छेडा जाएगा ।
श्री. घनवटजी ने कहा –
१. शनिशिंगणापुर जैसे सात्त्विक तीर्थक्षेत्र में मांसाहार करनेवाले अन्य धर्मीय व्यक्तियों से कार्य करवाना हिन्दू समाज की श्रद्धा एवं परंपराओं पर सीधा प्रहार है । इस समय देवस्थान में लगभग ३०० मुस्लिम कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी उपस्थिति मंदिर की धार्मिक शुद्धता को प्रभावित करती है ।
२. महासंघ ने देवस्थान के संबंधित व्यक्तियों से संपर्क करके कार्य तुरंत रोकने की मांग की थी, जिस पर अधिकारियों ने कार्य रोके जाने की जानकारी दी । तथापि जिन अधिकारियों ने यह कार्य आरंभ करवाया तथा मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति की, उनके विरुद्ध कार्रवाई अत्यावश्यक है ।
३. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भी ऐसे प्रकरण के पश्चात मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केवल हिन्दू कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश दिया था । महाराष्ट्र सरकार को भी शीघ्र इसी प्रकार का कठोर निर्णय लेना चाहिए ।
४. किसी भी हिन्दू मंदिर में वहां कार्यरत व्यक्तियों का आचरण, आहार, श्रद्धा एवं भावना मंदिर की सात्त्विकता के अनुरूप होना आवश्यक है । ऐसा न होने पर वह धार्मिक परंपरा का उल्लंघन होता है, जिसे प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए ।
संपादकीय भूमिका
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