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क्वेटा (बलूचिस्तान) – बलूचिस्तान को बलपूर्वक तथा विदेशी शक्तियों की सहायता से पाकिस्तान में सम्मिलित किया गया था । दशकों से यहां हिंसा, मानव तस्करी, लोगों का लापता होना एवं मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है । अब हमने पाकिस्तान से स्वतंत्र होने का निर्णय लिया है । दुनिया को भी हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए, यह अपील बलूच नेता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की है । उन्होंने भारत से बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने तथा भारत में दूतावास खोलने की अनुमति देने की भी मांग की है ।
दुनिया आंखों पर पट्टी बांधकर चुप न बैठे ।
मीर यार बलोच ने पाकिस्तानी सरकार तथा सेना को संबोधित करते हुए कहा, कि अगर तुम हमें मारोगे, तो हम फिर उठ खड़े होंगे । हम अपनी पहचान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । बलूच जनता सड़कों पर उतर चुकी है । उन्होंने निर्णय लिया है, कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का भाग नहीं है । दुनिया को आंखों पर पट्टी बांधकर यह सब चुपचाप नहीं देखना चाहिए ।
हम पाकिस्तानी नहीं हैं !
मीर यार बलोच ने भारतीयों से आग्रह किया कि हम बलूच हैं, पाकिस्तानी नहीं । कृपया हमें ‘पाकिस्तानी’ कहना बंद करें । पाकिस्तान केवल पंजाब प्रांत के लोगों के लिए है ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान को POK छोड़ने के लिए कहे ।
मीर यार बलोच ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीर (POK) छोड़ने को कहे । हम भारत के निर्णयों का पूर्ण समर्थन करते हैं । यदि पाकिस्तान ने भारत की बात नहीं मानी, तो १९७१ जैसी घटना दोबारा हो सकती है । पाकिस्तानी सेना प्रमुखों की लालसा के कारण फिर से ९३,००० सैनिकों को भारत के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ सकता है । जैसा १९७१ में ढाका में हुआ था, वैसा ही कश्मीर में भी हो सकता है । भारत पाकिस्तानी सेना को हराने में पूरी तरह सक्षम है ।
संपादकीय भूमिकाअगर पाकिस्तान अपने नक्शे में पीओके को अपना हिस्सा दिखा सकता है, चीन तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश को अपना बता सकता है, तो भारत को भी बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दिखाकर उसका समर्थन करना चाहिए – यही आम भारतीयों की भावना है । |