Lucknow Dharm Sansad : हिन्दू राष्ट्र निर्माण करने का प्रस्ताव पारित

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) में धर्म संसद का आयोजन

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में एक धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था । धर्म संसद में अयोध्या, काशी और मथुरा समेत देशभर के साधु-संत सहभागी हुए । इसमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी सम्मिलित हुए । इस धर्म संसद में सात प्रस्ताव पारित किये गये । इसमें हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव भी सम्मिलित था ।

धर्म संसद में पारित प्रस्ताव 

१. बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई धार्मिक हिंसा के संबंध में जून में ‘सनातन यात्रा’ निकाली जाएगी । यह यात्रा बंगाल से प्रारंभ होकर पूरे देश से होते हुए कश्मीर तक जाएगी ।

२. सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य करने वालों को दिया जाएगा ‘सनातन गौरव’ पुरस्कार

३. यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा कि मुसलमान हिन्दू युवतियों से विवाह न कर सकें ।

४. लव जिहाद, भूमि जिहाद आदि जिहादी घटनाओं को प्रतिबंधित करने के लिए ‘सनातनी सेना’ की स्थापना की जाएगी ।

५. हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे ।

६. ‘सनातन सहायता/हेल्पलाइन क्रमांक’  की घोषणा ।

७. ‘विश्व हिन्दू रक्षा परिषद’ मुस्लिम क्षेत्रों में मंदिरों तथा हिन्दुओं की रक्षा के लिए ‘सनातन कवच’ नाम से कार्यालय खोलेगी ।

धर्म की रक्षा के लिए धार्मिक परिषद का आयोजन ! – महंत राजू दास

महंत राजू दासजी

अयोध्या में हनुमानगढी के महंत राजू दासजी ने बताया कि धर्म संसद में देश में हिन्दू समुदाय से संबंधित विभिन्न ज्वलंत विषयों पर प्रस्ताव पारित कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए । पहलगाम जैसी घटनाएं पुन: न हों तथा आतंकवादी धर्म पूछकर कायरता पूर्ण कृत्य न करें, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए हिन्दू राष्ट्र का प्रस्ताव पारित किया गया है । देशभर के हिन्दुओं को एकजुट करने के लिए हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों से सनातन की रक्षा करने वालों को ‘सनातन गौरव सम्मान’ दिया जाएगा । बंगाल के मुर्शिदाबाद में रेकी / गुप्त निरीक्षण के उपरांत ६०० हिन्दुओं के घर जला दिए गए तथा नागपुर में हिंसा से पहले रेकी/ गुप्त निरीक्षण (सूचना एकत्र करना) किया गया, जिसके उपरांत वहां हिंसा हुई । सनातन लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करने एवं धर्म की रक्षा करने के लिए धर्म संसद का आयोजन किया गया । यदि लोग सनातन धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म उनकी रक्षा करेगा ।