शिमला (हिमाचल प्रदेश) – यहां के संजौली क्षेत्र में स्थित मस्जिद की अवैध मंजिलों को लेकर गत २ वर्षों से चल रहे विवाद पर अब महानगरपालिका न्यायालय ने अंतिम निर्णय दे दिया है । शिमला महानगरपालिका आयुक्त भूपेन्द्र अत्री के न्यायालय ने संपूर्ण मस्जिद को अवैध घोषित करते हुए उसे पूर्णतः गिराने का आदेश दिया है । इससे पूर्व न्यायालय ने ५ अक्तूबर २०२४ को निर्णय सुनाते समय मस्जिद की ऊपरी ३ मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था; परंतु मस्जिद समिति ने वे मंजिलें नहीं गिराईं थीं । (न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने पर भी अवैध मंजिलें न गिराने के कारण मस्जिद समिति को दण्ड अवश्य मिलना चाहिए ! – सम्पादक)
🚨 Shimla Mosque Demolition Ordered! 🏚️
Court orders complete demolition of Sanjauli Mosque in Himachal Pradesh! 🏛️📜
⚠️ A communal clash last year brought the case into the spotlight.
⚖️ Earlier, 2 illegal floors were marked for demolition, but no action was taken for months!… https://t.co/yuX3i39Qxb pic.twitter.com/sciY900OWO
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 3, 2025
मस्जिद की भूमि का स्वामित्व सिद्ध करने हेतु वक्फ बोर्ड की ओर से न्यायालय में कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके फलस्वरूप यह निर्णय लिया गया । साथ ही मस्जिद के निर्माण से संबंधित कोई वैध नक़्शा अथवा महानगरपालिका की स्वीकृति भी प्रस्तुत नहीं की गई । सुनवाई के समय वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं ने यह युक्ति प्रस्तुत की कि यह मस्जिद वर्ष १९४७ से पूर्व अस्तित्व में थी और उसका पुनर्निर्माण किया गया है ।
इस पर न्यायालय ने प्रश्न उठाया कि यदि यह मस्जिद पूर्व से ही अस्तित्व में थी, तो नये निर्माण हेतु महानगरपालिका की स्वीकृति क्यों नहीं ली गई ?
गत वर्ष हुए संघर्ष के पश्चात यह प्रकरण उजागर हुआ !
२९ अगस्त २०२४ को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में हिन्दू तथा मुसलमान समुदायों के मध्य संघर्ष हुआ था । इसमें एक व्यक्ति घायल हुआ था । उसी समय संजौली मस्जिद का प्रकरण प्रकाश में आया । इसके पश्चात संजौली मस्जिद के बाहर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई तथा अवैध निर्माण का विषय उठाया गया ।
११ सितम्बर २०२४ को हिन्दू संगठनों ने मस्जिद के निर्माण के विरुद्ध आंदोलन किया । प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक (बैरिकेड्स) तोडे तथा मस्जिद की ओर कूच किया, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा । इसमें अनेक प्रदर्शनकारी एवं पुलिसकर्मी घायल हुए । इसके पश्चात महानगरपालिका न्यायालय ने इस प्रकरण की जांच आरंभ की ।
संपादकीय भूमिकाइससे पूर्व न्यायालय ने मस्जिद की २ मंजिलों को अवैध घोषित कर उन्हें गिराने का आदेश दिया था; किंतु अनेक माह बीत जाने पर भी वे मंजिलें नहीं गिराई गईं । अब जबकि संपूर्ण मस्जिद गिराने का आदेश दिया गया है, तब क्या इस आदेश पर कार्रवाई होगी ? यही प्रश्न उपस्थित हो रहा है ! |